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राज्य

आंगनबाड़ी सेविकाओं की बैठक में दी गई सुरक्षित गर्भपात की जानकारी 

– संग्रामपुर प्रखण्ड के बाल विकास परियोजना कार्यालय में बैठक 

– आईपास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन के सहयोग से बैठक का आयोजन 
 मुंगेर , 26 फरवरी। मुंगेर जिलान्तर्गत संग्रामपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में शनिवार को आईपास संस्था के द्वारा सुरक्षित गर्भपात विषय पर आंगनबाड़ी सेविकाओं की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें सुरक्षित गर्भपात के तमाम तकनीकी पहलुओं पर आईपास के  प्रतिनिधि के द्वारा विस्तारपूर्वक सेविका को जानकारी दी गई। 

सेविकाओं की बैठक को सम्बोधित करते हुए संग्रामपुर प्रखण्ड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) रंजू देवी ने बताया कि सुरक्षित गर्भपात कानूनी तौर पर पूरी तरह से वैध है। इस बात की जानकारी आज भी  ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं है। जिसके कारण आज भी वो गांव- देहात के नीम- हकीम और झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़कर अपने प्राण तक गंवा रही हैं। सुरक्षित गर्भपात के बारे में ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से शनिवार को आईपास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन के सहयोग से संग्रामपुर प्रखंड क्षेत्र से आई करीब 80 से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं को सुरक्षित गर्भपात के तमाम तकनीकी और वैधानिक पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। 
इस अवसर पर  इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन की रिसर्च एंड ट्रेनिंग को- ऑर्डिनेटर अर्पणा झा ने बताया कि 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध है। बावजूद इसके 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह तक में दो प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में ही प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में सुरक्षित गर्भपात कराया जाना चाहिये । उन्होंने बताया कि इस विषय पर समाज को जागरूक करने की बहुत जरूरत है । हमारे प्रखण्ड संग्रामपुर के अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर एवं नर्स उपलब्ध हैं फिर भी महिलाएं नीम- हकीम और झोला छाप डॉक्टर के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा रही हैं। एक कहावत भी है कि ” नीम-हकीम खतरे जान ” इसलिए महिलाओं को इस चक्कर में पड़ने से बचाने के लिए उन्हें आंगनबाड़ी सेविकाओं के सहयोग से सुरक्षित गर्भपात के बारे में जागरूक किया जाना आवश्यक है।

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