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टीबी की जाँच कराना हुआ आसान, खाँसी की आवाज से की जा रही मरीजों की पहचान 

– फिल्डी एप की मदद से जाँच कर टीबी मरीजों की हो रही जाँच, दी जा रही है आवश्यक चिकित्सा परामर्श 
– जाँच के पश्चात रिपोर्ट के अनुसार उपलब्ध कराई जा रही है स्वास्थ्य सुविधा 

लखीसराय, 21 फरवरी-
 
अब टीबी मरीजों को अपनी बीमारी जाँच कराने के लिए पूर्व की तरह बलगम का सैंपल देने समेत अन्य परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि, सुविधाजनक तरीके से जाँच कराने के लिए सरकार ने एडवांस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए फिल्डी एप नामक एक मोबाइल एप लांच किया है। जिसके माध्यम से जिले में टीबी के संभावित मरीजों की जाँच शुरू कर दी गयी है। जिला से लेकर पीएचसी स्तर पर इसी एप के माध्यम से मरीजों की जाँच की जा रही है। साथ ही जाँच रिपोर्ट के अनुसार आगे की चिकित्सा परामर्श और चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि मरीजों को ना सिर्फ जाँच कराने में सहूलियत हो, बल्कि रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर सुविधाजनक तरीके से समुचित इलाज भी सुनिश्चित हो सके। 

– खाँसी की आवाज से की जा रही है टीबी मरीजों की जाँच : 
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पीसी वर्मा ने बताया, मरीजों की सुविधाजनक तरीके से जाँच सुनिश्चित करने को लेकर फिल्डी एप नामक एक मोबाइल एप लांच किया गया है। जिसके माध्यम से संभावित मरीजों की खाँसी (कफ) की आवाज से टीबी की जाँच की जा रही है। जाँच के पश्चात आवश्यक चिकित्सा परामर्श और चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, उन्होंने ने बताया, इस एप की मदद से टीबी मरीजों को चिह्नित करने में काफी सहूलियत हो रही है। मरीजों को भी जाँच कराने में पहले से आसानी हो रही है। साथ ही ससमय मरीजों की पहचान और इलाज शुरू होना भी सुनिश्चित हो रहा है। रोगी की पहचान होने के बाद उन्हें प्रोत्साहित कर सफल इलाज कराने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि, जबकि टीबी से संक्रमित मरीजों को इलाज कराने के दौरान पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रति माह दिया जाएगा। 

– टीबी से बचाव के उपाय :
1- 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें ।
– मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें।
– मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। यहां-वहां नहीं थूकें।
– पौष्टिक खाना खाएं, व्यायाम व योग करें ।
– बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
– भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।

– ये हैं टीबी के लक्षण : 
– भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।
– बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट व रात में पसीना आना।
– हलका बुखार रहना।
– खांसी एवं खांसी में बलगम तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।
– गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।
– गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
– महिलाओं के साथ  पुरुषों को बुखार के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।
– पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।
– टीबी न्यूमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, खांसी व छाती में दर्द होता है।

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