Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
देश

अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर दी जाएगी आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श

  • सिविल सर्जन की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित, जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम एवं बीसीएम को दी गई प्रशिक्षण
  • अति कुपोषित बच्चों को भेजा जाएगा पोषण पुनर्वास केंद्र

लखीसराय-

जिले में अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा और आवश्यकतानुसार जरूरी चिकित्सकीय परामर्श दी जाएगी। जिसकी सफलता को लेकर बुधवार को सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम एवं बीसीएम व आरबीएसके की टीम शामिल हुए।
कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षक डॉ. विभूषण कुमार द्वारा बच्चों की कैसे स्क्रीनिंग की जाएगी, किस बच्चे को कुपोषित और किस बच्चे को अति कुपोषित माना जाएगा, साथ ही किस बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना है और किस बच्चे को घर पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है आदि तमाम तय मानकों की विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर एसीएमओ डॉ रामप्रीत सिंह, डीआईओ डॉ. अशोक कुमार भारती समेत जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम एवं आरबीएसके की टीम मौजूद थे।

कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुर्नवास केंद्र :
सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में भी बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है. यह कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। वहीं, उन्होंने बताया, कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है। जहाँ कुपोषित बच्चों को डाक्टर की सलाह के अनुसार उनके खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों के अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते हैं तो वैसे बच्चों को एक माह तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है। पोषण पुर्नवास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती है। यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उन्हें यहां से डिस्चार्ज किया जाता है।

प्रशिक्षण प्राप्त पदाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मियों को करेंगे प्रशिक्षित :
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रामप्रीत सिंह ने बताया, जिले के अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम एवं आरबीएसके की टीम को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें बताया गया कि ऑगनबाड़ी केंद्र स्तर पर बच्चों की स्क्रीनिंग कर अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना है। जिसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त सभी पदाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मियों जैसे कि एएनएम, आशा समेत अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। जिसके बाद ऑगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण समेत आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों के दौरान अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी और आवश्यकतानुसार बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा।

पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती होने के लिए तय किए गए है ये मानक :
डीपीसी सुनील कुमार ने बताया, कुपोषण के शिकार बच्चे को एनआरसी में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत बच्चों का विशेष जांच जैसे उनका वजन व बांह आदि का माप किया जाता है। इसके साथ हीं छह माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बांई भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन न बढ़ता हो वो कुपोषित माने जाते है। वैसे बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पिटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *