अभियान में छूटे हुए बच्चों को भी पिलाई जा रही पोलियो की दवा
-जिले में रविवार से गुरुवार तक चला पल्स पोलियो अभियान
-आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका पिला रहीं बच्चों को दवा
बांका, 4 मार्च –
जिले में रविवार को शुरू हुआ पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का समापन तो गुरुवार को हो गया, लेकिन इसके बावजूद छुटे हुए बच्चों को भी दवा पिलाई जा रही है। पोलियो उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय है, इसी के मद्देनजर छूटे हुए बच्चों को भी दवा पिलाने का काम किया जा रहा है। इसके तहत आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर 0 से 05 वर्ष के सभी बच्चों को दवा पिला रही हैं। कई भी बच्चा छूट नहीं जाए, इसे लेकर एक-एक घर का दरवाजा खटखटाया जा रहा है। परिजनों से बच्चों की जानकारी लेकर दवा पिलाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी परिजनों के साथ सफर पर निकले बच्चों को भी दवा पिलाई जा रही है। सफर पर निकले बच्चे दवा पीने से वंचित नहीं रहे और अभियान सफलतापूर्वक चल सके, इसे लेकर यद कवायद की जा रही है। अभियान को हर हाल में सफल बनाने को लेकर चिकित्सा पदाधिकारी, सुपरवाइजर समेत अन्य पदाधिकारी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर अभियान का मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
एसीएमओ डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर प्रतिदिन अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है। हर दिन शाम में जिले के सभी पीएचसी में बैठक होती है, जिसमें पीएचसी प्रभारी, मैनेजर, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका (एल एस) समेत अन्य पदाधिकारी व कर्मी की मौजूदगी में दिनभर के कार्यों समीक्षा की जाती है। साथ ही हर दिन कितने बच्चों को दवा पिलाई गई समेत पूरे दिन के कार्यों की रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसे देर शाम जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराया जाता है। इस अभियान को सफल बनाने में डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर सोमाल्या घोष और यूनिसेफ के राजीव शेखर सिन्हा भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। ये लोग लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर इस अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
जिले के 381155 बच्चों को दवा पिलाने का है लक्ष्यः डॉ चौधरी ने बताया कि पांच दिवसीय इस अभियान के तहत पूरे जिले में कुल 3,81,155 बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से अधिकतर बच्चों को दवा पिला दी गई है। अब कुछ छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने का काम चल रहा है। हमलोगों का प्रयास रहता है कि कोई भी बच्चा छूट नहीं जाए, इसलिए यह कवायद चल रही है। छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने का काम कल भी चलेगा। उम्मीद है कि तबतक हमलोग अपने लक्ष्य को पा लेंगे। लोगों से मेरी अपील है कि यदि किसी के घर में पांच वर्ष से कम उम्र का बच्चा है तो उसे जरूर पोलियो की दवा पिलाएं। स्वास्थ्यकर्मी आपके घर नहीं आए हैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर संपर्क भी कर सकते हैं।