आईएएस डॉ.ओम प्रकाश बैरवा के जन्मदिवस को रक्तदान दिवस के रूप में मनाया
गाँधी जैसे ओ नेगेटिव दुर्लभ रक्तदाता युवाओ को आमजन हितार्थ आगे आना आवश्यक-डॉ .बैरवा
आईएएस डॉ. ओम प्रकाश बैरवा के जन्मदिवस पर आज बड़ी संख्या में दिनभर आने जाने वालों की शुभकामनाओं एवं स्वागत हेतु लाइन लगी रही ।वही आर्थिक सांख्यिकी निदेशालय योजना भवन में कार्यरत प्रोग्राम ऑफिसर डॉ नयन प्रकाश गाँधी ने आज जन्मदिबस के शुभ अवसर पर जयपुरिया हास्पिटल में ब्लड बैक केंद्र पर अपना ओ नेगेटिव रक्त दान किया । रक्तदाता नयन प्रकाश गाँधी ने मीडिया वार्ता में बताया कि किसी के जन्मदिवस या विशेष दिनों में भरी धूप में अनजान मरीजों की सहायता हेतु रक्तदान से बढ़कर कोई अमूल्य उपहार नही है ,रक्तदान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब अति दुर्लभ ओ नेगेटिव मेरा ब्लड जरूरतमंद के काम आए ।गाँधी ने बताया कि उनके एवं असंख्य युवाओ के प्रेरणास्रोत आईएएस डॉ ओम प्रकाश बैरवा ,निदेशक एवं सयुक्त शासन सचिव आयोजना विभाग ने अपने जीवनकाल में तीन दशक से अधिक सतत रूप से आर्थिक सांख्यिकी योजना भवन में निष्ठा,ईमानदारी,कर्मठता से सेवाएं प्रदान की है एवं आम जन हितार्थ अपने ऑफिस समय को देखे बिना दिन रात अथक मेहनत के साथ पूरी टीम को साथ लेकर बेहतरीन लीडरशिप के साथ कार्य किया ।वही दूसरी और एलन ग्रुप निदेशक नवीन माहेश्वरी जी जिनके नेतृत्व में सेवाकार्यो से कोरोना काल में कई जिंदगियां बची वो भी मेरे प्रेरणास्रोत रहे है। आज जन्मदिवस के अवसर पर यह मेरा सौभाग्य है कि रक्तदान कर उनके सेवाकार्यो की पहल को जन हितार्थ आगे बढ़ाने का एक तरीके से मुझे अवसर मिला। गाँधी ने आगे रक्तदान के महत्व को बताते हुए कहा कि में वह दिन ही भूल सकता जब मेरी बड़ी भाभीजी हेतु ब्लड ग्रुप मैच नही कर रहा था तो सबसे कम उम्र में बड़ी सिस्टर डॉ. हेमलता गाँधी ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए खुद अति कमजोर होते हुए आपातकालीन अवस्था मे रक्तदान कर भाभीजी जो ऑपरेशन में थी उन्हें तुरंत जीवन प्रदान किया ,वही से जब परिवार में बात चली तो मैने ठान लिया रक्तदान जब भी मन करे सुअवसरों पर तो कम से कम करना है और जब मुझे पता चला कि मेरा ब्लड ग्रुप अति दुर्लभ है तब तो में नियमित जरूरत पड़ने पर रक्तदान करने कहा भी जाने के लिए तैयार रहता हूँ ,और ओ नेगेटिव रक्तदान हेल्पलाइन की भी शुरुवात की थी व्हाट्सअप के माध्यम से अब वह कांटेक्ट भी रक्तकोष के माध्यम से मर्ज करवा दिए और रक्तकोष ,वर्ल्ड यूथ ऑर्गेनाइजेशन में कई बार केम्प भी करते है और संरक्षक आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी की प्रेरणा से भी कई बार रक्तदान मुहिम में लेखन क्षेत्र में भी सहभागिता की। वाकई में एक बार मे रक्तदान से तीन जिंदगियां बचती है आपातकालीन आपका रक्त जरूरतमंद के तुरंत काम आता है ।आज रक्तदान के संदर्भ में भ्रांतियां दूर करने की आवश्यकता है।