आरबीएसके टीम ने ओठ- तालू कटे दो बच्चों को चिह्नित कर इलाज के लिए किया पटना एम्स रेफर
- सूर्यगढ़ा और रामगढ चौक पीएचसी क्षेत्र से इलाज के लिए दो बच्चों को किया गया चिह्नित
- दोनों बच्चों को पटना स्थित एम्स में किया जाएगा ऑपरेशन
लखीसराय-
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में काम कर रही आरबीएसके की टीम ने जिले सूर्यगढ़ा और रामगढ़ चौक पीएचसी क्षेत्र से ओठ- तालू कटे दो बच्चों को चिह्नित किया है। इसके बाद सदर अस्पताल लखीसराय में आवश्यक जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों बच्चों को ऑपरेशन कराने के लिए पटना स्थित एम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया।
चार -चार माह की दो बच्ची कटे ओठ व तालू के ऑपरेशन के लिए चिह्नित-
लखीसराय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. शिव शंकर कुमार ने बताया कि सूर्यगढ़ा और रामगढ़ चौक पीएचसी में कार्यरत आरबीएसके टीम ने पीएचसी क्षेत्र में दौरा कर चार- चार माह की दो बच्ची जिसका ओठ और तालू कटा हुआ है को ऑपरेशन के लिए चिह्नित किया। उन्होंने बताया कि आरबीएसके टीम ने सूर्यगढ़ा पीएचसी क्षेत्र से सतीश कुमार की चार महीने की बेटी सिमरन कुमारी और रामगढ़ चौक पीएचसी क्षेत्र से कुंदन दास की चार महीने की बेटी छोटी कुमारी को ओठ और तालू के ऑपरेशन के लिए चिह्नित करते हुए सदर अस्पताल लाया। यहां ऑपरेशन के लिए आवश्यक सभी जांच की गयी ।
बुधवार कि सुबह दोनों बच्चियों को पटना किया गया रेफर :
डॉ. शिव शंकर कुमार ने बताया कि ऑपरेशन के लिए चिह्नित चिन्हित की गई दोनों बच्चियों को बुधवार की सुबह एम्बुलेंस से पटना स्थित एम्स हॉस्पिटल रेफर किया गया। रेफर की गई दोनों बच्चियों के साथ उनके अभिभावक के साथ मेडिकल स्टाफ भी गए हैं है। जिला आरबीएसके कि टीम के द्वारा दोनों बच्चियों के ऑपरेशन होने तक लगातार मॉनिटरिंग मॉनेटरिंग और फॉलोअप किया जाएगा। इसके बाद ऑपरेशन हो जाने के बाद एम्बुलेंस के माध्यम से ही उसे उसके घर तक पहुंचाया भी जाएगा।
बच्चों की कि स्क्रीनिंग के लिए जिले के सभी पीएचसी पर कार्यरत कार्ररत है आरबीएसके कि टीम :
उन्होंने बताया कि जन्मजात विकृतियों के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की कि स्क्रीनिंग के लिए जिले के सभी पीएचसी और सदर हॉस्पिटल में आरबीएसके कि टीम कार्यरत कार्ररत है। जो आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक विद्यालयों सहित अन्य जगहों जहां बच्चों का जमावड़ा होता है का दौरा कर बच्चों को चिह्नित चिन्हित कर इलाज के लिए पीएचसी और फिर उसके बाद सदर हॉस्पिटल लाती ते है हैं। सदर हॉस्पिटल में मामूली माइनर जन्मजात बीमारियों का इलाज किया जाता है और गम्भीर बीमारियों या ऑपरेशन के लिए उन्हें पटना स्थित एम्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाता है। चिह्नित चिन्हित बच्चों को एम्बुलेंस के जरिये ले जाने और फिर ऑपरेशन के बाद उसके घर तक पहुंचाने का सारा खर्च सरकार वहन करती है।