राज्य

ऑंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया एनीमिया प्रबंधन पर प्रशिक्षण 

– जिले के परबत्ता बाल विकास परियोजना कार्यालय में दिया गया प्रशिक्षण
– एनीमिया से बचाव से संबंधित दी गई आवश्यक जानकारी, लोगों को करेंगी जागरूक
खगड़िया, 20 अप्रैल-
जिले के परबत्ता बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में बुधवार को प्रखंड की सेविकाओं को एनीमिया प्रबंधन से संबंधित  एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण स्थानीय सीडीपीओ कामिनी कुमारी एवं केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक गोपाल शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सेविकाओं को एनीमिया से बचाव के लिए विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही एनीमिया के कारण, लक्षण, उपचार एवं इससे बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियाँ व सतर्कता की भी जानकारी दी गई। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने बाद सभी सेविकाएं अपने-अपने पोषक क्षेत्र के लोगों को बेहतर तरीके से जागरूक कर सकें और एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को बढ़ावा मिल सके।
– महिलाओं के बीच सेविका आयरन की गोली करेंगी वितरित :
परबत्ता सीडीपीओ कामिनी कुमारी ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सेविकाओं को एनीमिया प्रबंधन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियाँ विस्तारपूर्वक दी गई। इस दौरान मौजूद सभी प्रतिभागियों को बताया गया कि एनीमिया से बचाव के लिए सभी महिलाओं को जागरूक करना है। भीएचएसएनडी सत्र के दौरान 20 से 24 वर्ष के प्रजनन आयु वर्ग की सभी महिलाओं (जो गर्भवती अथवा धात्री न हों) को साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड लाल गोली अनुपूरण के संबंध में जागरूक किया जाएगा एवं सप्ताह में एक दिन के सेवन के लिए वितरित भी की जाएगी।
– एनीमिया से बचाव के लिए प्रोटीन युक्त आहार जरूरी :
केयर इंडिया के डीटीओ-ऑन चंदन कुमार ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सभी प्रतिभागियों को एनीमिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि एनीमिया से बचाव के लिए प्रोटीन युक्त आहार का सेवन बेहद जरूरी है। यह बीमारी खून की कमी से होती है। इसलिए, इससे बचाव के लिए आयरनयुक्त खाना का भी सेवन करना जरूरी है। दरअसल, शरीर में पर्याप्त आयरन रहने से इस बीमारी की संभावना ना के बराबर रहती है। इसलिए, खान-पान एवं रहन-सहन का विशेष ख्याल रखें और सकारात्मक बदलाव ही बीमारी से बचाव का बड़ा उपचार है। यह बीमारी खून  में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन कम होने से होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। वहीं, उन्होंने बताया, प्रशिक्षण प्राप्त सभी प्रतिभागी अपने-अपने पोषक क्षेत्र की महिलाओं को उक्त जानकारी देते हुए एनीमिया से बचाव के लिए जागरूक करेंगी।
– आयरनयुक्त खाना का करें सेवन :
केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया, आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आहार बदलने एवं आयरनयुक्त आहार का सेवन करने से बचाव होगा, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत और परेशानी बन सकती है। इससे बचाव के लिए प्रोटीनयुक्त खाना का सेवन भी जरूरी है। जैसे कि पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूँगफली की मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करें। जो कि आपके शरीर की कमी को पूरा करता एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होता तथा इससे आपको एनीमिया बीमारी से बचाव मिल सकता है।
– ये हैं एनीमिया के प्रारंभिक लक्षण :
एनीमिया के शुरुआती लक्षण- थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन में बदलाव, साँस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द आदि कमी होना है। ऐसा लक्षण होते ही ससमय इलाज कराएं।

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