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ऑगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया गोदभराई उत्सव, उचित पोषण की दी गई जानकारी 

– नियमित और कोविड टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक
– जिले के सभी प्रखंडों में उत्सवी माहौल में मनाया गया गोदभराई उत्सव, स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर किया गया जागरूक
खगड़िया, 07 मई। शनिवार को पूर्व से निर्धारित तिथि के अनुसार जिले के सभी प्रखंडों में संचालित ऑगनबाड़ी केंद्रों पर उत्सवी माहौल में गोदभराई उत्सव मनाया गया। जिसके दौरान लाभार्थियों को पोषण से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर जागरूक किया गया। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी :
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीता कुमारी ने बताया, गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ाकर और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। साथ ही गर्भवतियों की गोद में पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, दाल सेवन करने का तरीका बताया गया। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गई। जिसमें बताया गया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। वहीं, उन्होंने बताया, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है।
– नियमित और कोविड टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक :
आईसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, गोदभराई उत्सव कार्यक्रम के दौरान मौजूद लाभार्थियों को जिले में चल रहे मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत नियमित टीकाकरण कराने को लेकर भी जागरूक किया गया और नियमित टीकाकरण के महत्व एवं होने वाले फायदे की जानकारी भी दी गई। साथ ही कोविड की संभावित चौथे लहर से सुरक्षा के मद्देनजर वैक्सीनेशन कराने को लेकर जागरूक किया गया। इसके अलावा मौजूद लाभार्थियों को बताया गया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए।
– लाभार्थियों को एनीमिया प्रबंधन की दी गई जानकारी :
सदर सीडीपीओ विनीता कुमारी ने बताया कार्यक्रम के दौरान गर्भवती माता, किशोरियां व बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सिरप देनी चाहिए।
– स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर भी लोगों को किया गया जागरूक :
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, गोदभराई उत्सव के दौरान मौजूद लोगों को स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर भी जागरूक किया गया। जिसके दौरान व्यक्तिगत साफ-सफाई समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी गई। साथ ही घर समेत आसपास के जगह भी साफ-सफाई का ख्याल रखने की सलाह दी गई। घर के आसपास जलजमाव नहीं होने, कूड़ेदान का उपयोग करने आदि जानकारियाँ दी गई।

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