राज्य

कायाकल्प की टीम ने नवगछिया अनुमंडल अस्पताल का किया निरीक्षण

-स्वच्छता के पैमाने पर अस्पताल की व्यवस्था को जाना और परखा
-निरीक्षण में 70 प्रतिशत अंक आने पर राज्य टीम करेगी निरीक्षण
भागलपुर-

कायाकल्प की टीम ने बुधवार को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम में आए मुंगेर सदर अस्पताल के मैनेजर तौसीफ हसनैन ने अस्पताल में स्वच्छता के पैमाने पर व्यवस्था को परखा। अस्पताल में साफ-सफाई को देखा। लेबर रूम की व्यवस्था को देखा। ओपीडी में मरीज को देखने की व्यवस्था को जांचा। वहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था को देखा और अस्पताल के अधीक्षक से इस संबंध में जानकारी ली। अस्पताल के कर्मियों से हाथ धोने के तरीके को पूछा। कायाकल्प की टीम में आए मुंगेर सदर अस्पताल के मैनेजर संतुष्ट नजर आए।
कायाकल्प की टीम ने निरीक्षण के दौरान सफाई के साथ संक्रमण की स्थिति को भी परखा। अस्पताल में लगभग सभी जगहों पर जाकर देखा कि कहीं अव्यवस्था के कारण संक्रमण की स्थिति तो नहीं है। हालांकि ऐसा कुछ भी मौके पर दिखाई नहीं दिया। साथ ही अस्पताल के कर्मियों से पीपीई किट और हैंड ग्लब्स के बारे में भी जानकारी ली। उनसे इसके इस्तेमाल के बारे में भी पूछा। अस्पताल की नर्सों से सिजेरियन के दौरान किस तरह की सफाई व्यवस्था रखी जाती है, इसके बारे में पूछा। इसके मानक क्या हैं और उसका कितना ख्याल रखा जाता है, यह भी जाना। सफाई कर्मी कौन-से पीपीई किट पहनते हैं और पोछा किस तरह से लगाते हैं, इसके बारे में भी कायाकल्प की टीम ने जानकारी ली।
अनुमंडल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि कायाकल्प की टीम को अस्पताल की पूरी व्यवस्था से अवगत कराया। इस दौरान लेबर रूम से लेकर ओपीडी तक की सफाई व्यवस्था को दिखाया। कायाकल्प की टीम ने अस्पताल के कर्मियों से जो भी सवाल पूछा गया, उसका सभी ने सही-सही जवाब दिया। उम्मीद है कायाकल्प की टीम अनुमंडल अस्पताल के कर्मियों के जवाब से संतुष्ट होगी। साथ ही यहां की व्यवस्था को देखकर संतुष्ट हुए होंगे।

मालूम हो कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 15 मई 2015 में कायाकल्प अभियान की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को स्वच्छ और सुविधाजनक बनाना है, जो कि आमलोगों को लिए काफी उपयोगी साबित हो। इस निरीक्षण में बेहतर करने वाले अस्पतालों को पुरस्कार भी दिया जाता है। कायाकल्प की रैंकिंग में राज्य स्तर तक दावेदारी को लेकर 70 प्रतिशत तक अंक लाने की जरूरत होती है। इसके बाद राज्य स्तर की टीम निरीक्षण करने के लिए आती है, उसमें बेहतर करने वाले अस्पताल को नकद पुरस्कार भी दिया जाता है। अभी पेयर निरीक्षण के तहत एक जिले की टीम दूसरे जिले में निरीक्षण कर रही है।

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