कालाजार उन्मूलन को लेकर चल रहा है घर-घर छिड़काव अभियान
– लखीसराय के रामपुर और रजौना चौकी गाँव में चल रहा है अभियान
– बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार, इसलिए रहें सावधान
लखीसराय, 09 जून-
कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और इसे सुनिश्चित करने को लेकर तरह-तरह के गतिविधियाँ का आयोजन किया जा रहा । ताकि उक्त बीमारी की रोकथाम संभव हो और लोग सुरक्षित महसूस कर सकें । इसी कड़ी में बुधवार से सुरजगढ़ा पीएचसी अंतर्गत कालाजार प्रभावित गाँव रामपुर और लखीसराय पीएचसी अंतर्गत रजौन चौकी में घर-घर सघन छिड़काव अभियान शुरू किया गया है , जिसका समापन 02 जुलाई को होगा। अभियान के माध्यम से छिड़काव को गठित स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर छिड़काव कर रही और कालाजार से बचाव के लोगों को बरती जाने वाली सावधानियाँ की जानकारी देकर जागरूक कर रही है । वहीं, इस कार्य के सफल संचालन को एक सुपरवाइजर समेत पाँच सदस्यीय दो टीम गठित की गई है ।
– कालाजार से बचाव के लिए एसपी पाउडर का छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय :
जिला सिविल सर्जन डॉ .देवेन्द्र चौधरी ने बताया, कालाजार से बचाव के लिए लगातार कालाजार प्रभावित गाँव और क्षेत्रों में एसपी पाउडर से छिड़काव कराया जा रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए छिड़काव तो सबसे बेहतर उपाय है ही, पर इसके अलावा लोगों को सावधान और सतर्क रहने की भी जरूरत है। इसलिए, मैं तमाम लोगों से अपील करता हूँ कि इस बीमारी से बचाव के लिए खुद भी सतर्क और सावधान रहें और लक्षण महसूस होने के साथ तुरंत जाँच कराएं। यही आपके लिए सबसे बेहतर और कारगर उपाय है। वहीं, उन्होंने बताया, छिड़काव के दौरान भी लोगों को सतर्क रहने एवं साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने समेत अन्य जानकारियाँ दी जा रही है।
– बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार :
जिला वेक्टर बोर्न डिजिज सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, कालाजार बालू मक्खी के काटने से फैलती है। एसपी पाउडर का छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्णत: खत्म किया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा छिड़काव कराया जा रहा है। जिससे बालू मक्खी को समाप्त किया जा सके। वहीं, उन्होंने बताया, कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाँच कराएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं। सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के जमीन पर नहीं सोएं । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ।
– कालाजार के लक्षण :
– वजन में लगातार कमी होना।
– लगातार बुखार रहना
– प्लीहा एवं लिवर का बड़ा हो जाना
– कमजोरी होना
– खून की कमी होना
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– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक (एस पी) छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।