कोरोना काल में भी शिशु स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का होगा संचालन
• बीमार नवजात शिशु को एसएनसीयू में मिलेगी बेहतर सुविधा
• एसएनसीयू से डिस्चार्ज शिशुओं का किया जाएगा फॉलोअप
भागलपुर-
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत दी जाने वाली मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक सेवाओं के अनियमित होने के कारण शिशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए आरए एमसीएच+एन सेवाएं नियमित प्रदान की जानी है। शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन कोरोना काल में भी किया जाएगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। कार्यपालक निदेशक ने जारी पत्र के माध्यम से एसएनसीयू में नवजात शिशु को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बीमार नवजात शिशुओं का एसएनसीयू में किया जाएगा देखभाल:
कंटेनमेंट तथा बफर जोन में बीमार नवजात शिशुओं को निकटतम एसएनसीयू में चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाएगी। एसएनसीयू में प्रवेश द्वार के पास ट्राईजिंग के लिए एक रेडिएंट वार्मर उपलब्ध कराई जाएगी। सस्पेक्ट कोविड-19 मरीज के लिए स्टेप डाउन फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर कैमरे को दो रेडिएंट वार्मर के साथ तैयार रखा जाएगा। कोविड-19 से पीड़ित नवजात को स्थिरीकरण के उपरांत राज्य सरकार के कोविड-19 के दिशा निर्देशों के आलोक में कोविड-19 मरीजों के लिए चयनित नजदीकी चिकित्सकीय महाविद्यालय अस्पताल में उचित व्यवस्था के साथ रेफर करना सुनिश्चित किया जाएगा। एसएनसीयू में फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर को वर्तमान परिस्थितियों में स्थगित रखा जाना है। एसएनसीयू से डिस्चार्ज नवजात शिशुओं के संबंध में माता व देखभालकर्ता के साथ एसएनसीयू डाटा ऑपरेटर के द्वारा फैसिलिटी फॉलो अप तथा आशा कार्यकर्ता के द्वारा कम्युनिटी फॉलोअप दूरभाष के माध्यम से किया जाएगा।
सिर्फ खतरे के चिन्ह वाले नवजात को ही एसएनसीयू में भेजा जाये:
कार्यपालक निदेशक में निर्देश दिया है कि सिर्फ खतरे के चिन्ह वाले नवजात को ही उचित वाहन के माध्यम से एसएनसीयू में भेजना सुनिश्चित करें। कोविड-19 के उद्देश्य से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर भ्रमण करने के दौरान ही शिशुओं के स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक पूछताछ किया जाना चाहिए और आवश्यक सेवाओं के लिए सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। नवजात शिशु के लिए दूरभाष के माध्यम से नियमित एचबीएनसी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में मिलेगी सेवाएं:
कोविड-19 से बचाव के लिए समय-समय पर निर्गत निर्देशों का पालन करते हुए चिकित्सक द्वारा चिन्हित किए गए जटिलता एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उचित रेफर की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित होगी। 102 एंबुलेंस सेवा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। पोषण पुनर्वास केंद्र से डिस्चार्ज बच्चों का नियमित रूप से दूरभाष के माध्यम से फॉलोअप किया जाएगा।
स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा प्रेरित:
मां एवं नवजात शिशु को यथासंभव एक साथ रखा जाए तथा कोविड-19 के बावजूद जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान कराना सुनिश्चित करें। शिशुओं को हर बार स्तनपान कराते समय मां द्वारा मास्क का प्रयोग एवं हाथों की स्वच्छता का पालन करना चाहिए। सरकार द्वारा कोविड-19 वैश्विक महामारी के संदर्भ में जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए सभी सेवाओं को प्रदान किया जाना है। इस दौरान शारीरिक दूरी व कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए अनिवार्यता: समुचित सुरक्षात्मक उपायों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।