कोरोना की संभावित तीसरी लहर से सुरक्षा को जिलाभर में लगातार चल रहा टीकाकरण अभियान
- जिला भर में शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगवाने में जुटा है स्वास्थ्य विभाग
- बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता के प्रति सभी लोग सजग रहकर उसे बीमारियों से रख सकते हैं दूर
मुंगेर, 12 अगस्त | कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसी आशंका है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसकी वजह से हमें अभी से ही इस महामारी के खिलाफ सावधान होने की जरूरत है ताकि हम तीसरी लहर से भी खुद को सुरक्षित रखने के साथ अपने बच्चों को भी इस महामारी के प्रभाव से दूर रख सकें। इसके लिए बच्चों की उचित देखभाल के साथ उसके खानपान का भी विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए हम सभी को बच्चों के स्वास्थ्य प्रति पूरी तरह सजग रहने की आवश्यकता है। बच्चों में किसी भी प्रकार की शारीरिक पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराने के बाद समुचित इलाज कराना आवश्यक है ताकि बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रह सकें| जब बच्चा स्वस्थ और मजबूत रहेगा तो वह निश्चित ही कोरोना संक्रमण सहित कई अन्य संक्रामक बीमारी से भी दूर रहेगा। इसके साथ ही जल्द से जल्द जिले के शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित हो सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा लगातार जिला भर में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। इसके बाद ही सामुदायिक स्तर पर बच्चों सहित अन्य लोगों को इस महामारी से सुरक्षित किया जा सकता है।
बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता के प्रति सजग रहकर उसे कई बीमारियों से रखें दूर :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) नसीम रजि ने बताया, तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है इसलिए सभी लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। सभी लोग अपने – अपने बच्चों के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को लेकर हमेशा सजग रहें। मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता ही सभी प्रकार के संक्रामक बीमारियों से बच्चों को दूर रखता है। बच्चे की खानपान सहित साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। ऐसे में खुद के साथ-साथ बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखना जरूरी है। छोटे-छोटे बच्चों के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए कौन सा आहार सही और सुरक्षित है इसको लेकर हमेशा सावधान रहने की जरूरत है। संतुलित आहार से ही बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। बच्चों को यदि विटामिन और मिनरल्स नहीं मिलते हैं तो उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।
- बच्चों के आहार के प्रति सतर्क रहने की है जरूरत :
उन्होंने बताया कि बच्चों के आहार के प्रति हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता है। दरअसल, अभी उनमें तेजी से प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यदि इस समय थोड़ा भी सावधान रहें तो आगे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसके लिए जरूरी है कि उनके भोजन में दूध के साथ-साथ अनाज की भी मात्रा बढ़ाएं। इसके साथ ही पानी और जूस भी अधिक से अधिक दें। क्योंकि, कोविड-19 के साथ-साथ इन दिनों मौसम में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं।
शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन जरूरी :
उन्होंने बताया कि बच्चों के शारीरिक विकास के लिए कैलोरी बहुत जरूरी है। अधिक कैलोरी के लिए दूध और साबुत अनाज अधिक देने पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों को कॉर्नफ्लैक्स व ओट्स दे सकते हैं। वहीं, प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता और मस्तिष्क संबंधी भी कई तरह के विकार पैदा हो जाते हैं। इसके अलावा मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए भी प्रोटीन बहुत जरूरी है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने के लिए बच्चों को पूरी मात्रा में विटामिन और मिनरल दें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को पानी पिलाते रहें।
- इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
- बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।