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कोरोना संक्रमण के प्रसारण को रोक करें महामारी को परास्त - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
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कोरोना संक्रमण के प्रसारण को रोक करें महामारी को परास्त

• केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार द्वरा एडवाइजरी जारी
• मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन एवं घरों का हवादार रखना जरुरी
• क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह
• सार्वजनिक परिवन वाहनों में हवा के प्रवाह को सुनिश्चित करने पर बल

भागलपुर, 21 मई:

कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम के लिए संक्रमण के प्रसारण को रोकना बेहद जरुरी है, जिसमें तक मास्क, सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता अभी तक सबसे प्रभावी हथियार साबित हुए हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किए हैं. एडवाइजरी में हवादार स्थानों के महत्व को रेखांकित करते हुए घरों, कार्यस्थानों एवं सार्वजनिक परिवन वाहनों में हवा के बेहतर प्रवाह पर अधिक बल दिया गया है.

घरों को हवादार रखने की करें कोशिश:
एडवाइजरी में कहा गया है कि घरों के अंदर की हवा को बाहर निकालने एवं बाहर की ताजा हवा को अंदर आने देने से वायरस से संक्रमण की सम्भावना कम जाती है. घर जितना हवादार होगा, संक्रमण प्रसारण का खतरा उतना कम होगा. यदि घर में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हो तो उनके कमरे की खिड़कियाँ खुली रखें एवं पंखे को ऐसे मोड़े जिससे संक्रमित व्यक्ति से हवा घर के अन्य लोगों की तरफ़ सीधे की ओर न बह सके. यदि घर में खिड़की या वायु संचार के अन्य तरीकों के आभाव में कमरों के अंदर वायरस की संख्या बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है. एडवाइजरी में सलाह दी गयी है कि जिन घरों में वायु संचालन के उचित उपाय न हों, वहां ग्राम पंचायतों द्वारा जाली/ झरोखे के साथ निकास पंखा लगाया जाना चाहिए.

कार्यस्थानों में वायु-संचालन सुनिश्चित करना जरुरी:
कार्यस्थानों में एसी चलाते समय ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. यह कहा गया है कि जब एसी चल रहा हो तब भी बाहर की हवा अंदर लाने और वायरस के कणों को कम करने के लिए खिड़कियों और दरवाजे को आधा खुला रखना जरुरी है. साथ ही अंदर की हवा को अधिक मात्रा में बाहर करने के लिए एग्जास्ट फैन लगाने की भी सलाह दी गयी है. कार्यालयों, सभागारों एवं शौपिंग मॉल आदि जगहों जहाँ बाहर से हवा अंदर लाने के माध्यम सीमित होते हैं, वहां की छतों पर केन्द्रीय फ़िल्टर लगाने की बात कही गयी है.

सार्वजनिक परिवहन वाहनों में हवा के प्रवाह बनाएं रखने की सलाह:
जारी एडवाइजरी में सार्वजनिक परिवहन वाहनों में हवा के प्रवाह को बनाए रखने की सलाह दी गयी है. यह कहा गया है कि जहाँ तक संभव हो वाहनों की खिड़कियों को खुली रखें. वहीं, वातानुकूलित बसों और ट्रेनों में हवा के प्रवाह को सुधारने के लिए निकास पंखा( एक्जास्ट फैन) लगाने की सलाह दी गयी है. साथ ही उचित वायु संचार और दिशात्मक वायु प्रवाह को लोगों की दिशा से विपरित करके संक्रमण के प्रसारण को रोकने की बात कही गयी है.

सामुदायिक स्तर पर कोरना जाँच को बढ़ावा:
कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे शहर के साथ गाँवों में भी पहुंचने लगी है. इसको ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी में सामुदायिक स्तर पर कोरोना की जाँच को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. क्षेत्र में प्रवेश कर रहे लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना की जाँच करने को अनिवार्य कहा गया है. क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह दी गयी है. साथ ही आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी रखने के लिए सभी को ऑक्सीमीटर प्रदान करने की भी बात कही गयी है. इसके लिए जाँच या निगरानी में जुटे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक प्रमाणित एन95 मास्क देने की सलाह दी गयी है.

ऐसे रोकें संक्रमण का प्रसार:
• एक साथ 2 मास्क का प्रयोग करें
• आंतरिक स्थानों पर वायु संचार सुनिश्चित करें
• दूरी बनायें रखने की संभव प्रयास करें
• साबुन से नियमित हाथ साफ़ करते रहें
• कोविड मरीजों को अलग कमरे में रखें
• सतहों को नियमित रूप से कीटाणुनाशकों से नियमित रूप से साफ़ करें
[21/05, 15:51] Ranjeet Sir: कोरोना काल में भी शिशु स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का होगा संचालन

• बीमार नवजात शिशु को एसएनसीयू में मिलेगी बेहतर सुविधा

• एसएनसीयू से डिस्चार्ज शिशुओं का किया जाएगा फॉलोअप

छपरा। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत दी जाने वाली मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक सेवाओं के अनियमित होने के कारण शिशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए आरए एमसीएच+एन सेवाएं नियमित प्रदान की जानी है। शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन कोरोना काल में भी किया जाएगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। कार्यपालक निदेशक ने जारी पत्र के माध्यम से एसएनसीयू में नवजात शिशु को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

बीमार नवजात शिशुओं का एसएनसीयू में किया जाएगा देखभाल:

कंटेनमेंट तथा बफर जोन में बीमार नवजात शिशुओं को निकटतम एसएनसीयू में चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाएगी। एसएनसीयू में प्रवेश द्वार के पास ट्राईजिंग के लिए एक रेडिएंट वार्मर उपलब्ध कराई जाएगी। सस्पेक्ट कोविड-19 मरीज के लिए स्टेप डाउन फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर कैमरे को दो रेडिएंट वार्मर के साथ तैयार रखा जाएगा। कोविड-19 से पीड़ित नवजात को स्थिरीकरण के उपरांत राज्य सरकार के कोविड-19 के दिशा निर्देशों के आलोक में कोविड-19 मरीजों के लिए चयनित नजदीकी चिकित्सकीय महाविद्यालय अस्पताल में उचित व्यवस्था के साथ रेफर करना सुनिश्चित किया जाएगा। एसएनसीयू में फैमिली पार्टिसिपेटरी केयर को वर्तमान परिस्थितियों में स्थगित रखा जाना है। एसएनसीयू से डिस्चार्ज नवजात शिशुओं के संबंध में माता व देखभालकर्ता के साथ एसएनसीयू डाटा ऑपरेटर के द्वारा फैसिलिटी फॉलो अप तथा आशा कार्यकर्ता के द्वारा कम्युनिटी फॉलोअप दूरभाष के माध्यम से किया जाएगा।

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