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कोविड संभावित या संक्रमित माताएं शिशु को अवश्य करायें स्तनपान

– स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण  मंत्रालय ने जारी किया जरूरी गाइडलाइन

– डिब्बे वाले दूध नहीं पिलाने की दी सलाह, शिशु हो सकता है बीमार 

मुंगेर, 21जनवरी 2022 : स्तनपान नवजात के जीवन को बेहतर बनाता है और जीवनभर उसके अच्छे स्वास्थ्य और सही शारीरिक व मानसिक विकास में मदद करता है। कोविड 19 के दौरान स्तनपान कराने को लेकर माता- पिता तथा परिजनों के मन में कई तरह के सवाल भी उठते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्तनपान को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर बताया ​है कि कोविड संक्रमण काल में शिशु को माताएं नियमित रूप से स्तनपान करायें तथा स्वास्थ्यक​र्मी स्तनपान से संबंधित आवश्यक जानकारी तथा परामर्श मुहैया करायें जिससे मां को सफलतापूर्वक स्तनपान करवाने के लिए मदद मिल सके।

कोविड संक्रमित मां के दूध से नहीं फैलता संक्रमण : 
मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने बताया कि गाइडलाइन  के अनुसार कोविड 19 से संक्रमित मां या वह मां जिनमें कोविड 19 की संभावना है, के दूध में कोविड संक्रमण पैदा करने वाले वायरस मौजूद नहीं होते हैं इसलिए कोविड 19 संक्रमित मां के दूध से संक्रमण नहीं फैलता है। कोविड संक्रमित माताएं या संक्रमण की संभावित माताओं को जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान कराना चाहिए । इससे शिशु को आवश्यक मात्रा में कोलोस्ट्रम मिलता है जो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके साथ ही त्वचा से त्वचा को संपर्क में रखें ताकि सर्दियों के इस मौसम में शिशु को आवश्यक गर्मी मिल सके । कोविड संक्रमित माताएं एहतियाती कदम के साथ शिशु को स्तनपान करायें । इसके साथ ही स्तनपान के समय मां मास्क अवश्य पहनें और श्वसन संबंधी स्वच्छता का कड़ाई से पालन करें।

मां नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोयें :
उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण की संभावना होने या संक्रमित होने की स्थिति में मां बच्चे को छूने से पहले नियमित रूप से साबून और पानी से हाथों को अच्छी तरह धोंये या एल्कोहल आधारित सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें । माताएं नियमित रूप से मास्क का इस्तेमाल करें और मास्क के गीला होते ही बदल दें। गंदे मास्क का इस्तेमाल नहीं करें। कपड़े के मास्क को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धोकर धूप में सूखा लें तथा खांसते या छींकते समय साफ रूमाल या टिश्यू पेपर का उपयोग करें तथा इसे उपयोग करने के बाद बंद ढक्कन वाले कूड़ेदान में डालें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें ।

डिब्बे वाले दूध नुकसानदेह, शिशु हो सकता है बीमार : 
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने  सलाह दी है कि शिशु को डिब्बे वाला दूध नहीं पिलाया जाए क्योंकि डिब्बे वाला दूध देने से शिशु में गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। साफ- सफाई का अभाव, साफ पानी की कमी, डिब्बे के दूध का सही नहीं होना इस खतरे को और बढ़ावा देता है। कोविड संक्रमित माताएं शिशु को स्तनपान ही करायें।  स्तनपान नहीं कराने से मां का अपना दूध कम बनने लगेगा।  स्तनपान कराते समय बच्चे को सही तरीके से पकड़ें ओर स्तन से लगायें ताकि बच्चा आसानी से दूध पी सके । 

मां का निकाला दूध भी है शिशु के लिए असरदार : 
एनआरसी मुंगेर के नोडल अधिकारी सह डीपीसी विकास कुमार ने बताया कि यदि कोई मां कोविड पॉजिटिव हो जाती है और शिशु को स्तनपान कराने में सक्षम महसूस नहीं कर रही है तो मां के ठीक होने के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराना प्रारंभ कर देना चाहिए । ऐसी स्थिति में मां का निकला हुआ दूध पिलाया जाना चाहिए। मां और मां की मदद करने वाला कोई भी व्यक्ति मां का दूध निकालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करे और दूध को अच्छी तरह साफ कटोरी में निकालें। शिशु को वही लोग दूध पिलायें जो बीमार नहीं हों । मां का दूध निरंतर बनता रहे इसलिए मां का दूध निकालना बहुत जरूरी है। यदि मां का दूध निकालने में असमर्थ हैं तो डोनर ह्यमून मिल्क दिया जा सकता है।  यदि दोनों की संभावना नही हो तो स्थानीय पशु दूध जैसे कि ताजा उबला दूध या पहले से पैक्ड दूध या पॉश्चयूकृत टोंड दूध या गाय का दूध प्रयोग में लाया जा सकता है । पुश दूध का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें। 

स्तनपान करा रही मां करायें कोविड टीकाकरण : 
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने स्तनपान कराने वाली माताओं के कोविड टीकाकरण की सिफारिश करते हुए कहा है कि यह उनके लिए सुरक्षित और असरदार है। ऐसी माताओं को टीकाकरण के ​लिए परामर्श दी जानी चाहिए। कोविड टीकाकरण के बाद भी माताओं में दूध का बनना सामान्य रूप से होता है। इससे दूध पैदा करने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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