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गर्भ में पल रहा शिशु अगर विकृत है तो गर्भ समापन वैध

• आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन और समता ग्राम सेवा संस्थान के तत्वावधान में प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
• जीविका दीदियों को सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में दी गयी जानकारी
• 56 जीविका दीदियों को किया गया प्रशिक्षित
पटना/ 27 नवंबर- किसी महिला का गर्भवती होना उसके साथ पूरे परिवार के लिए हर्ष का समय होता है. लेकिन किसी कारणवश गर्भस्थ शिशु में कोई विकृति नजर आये तो यह सबके लिए चिंता और दुर्भाग्य का विषय होता है. एम.टी.पी. एक्ट के तहत अगर गर्भ में पल रहा शिशु विकृत अथवा अनियमित विकास से ग्रसित हो तो ऐसे शिशु का गर्भकाल के 20 सप्ताह तक चिकित्सकों द्वारा गर्भ समापन वैध है. इन बातों का प्रशिक्षण आज जीविका समूह की दीदियों को पटना सदर अंचल अंतर्गत कुर्जी के बिन टोली गाँव में 56 जीविका दीदियों को दिया गया. उक्त प्रशिक्षण का आयोजन आई पास संस्था और ग्राम सेवा संस्थान के तत्वावधान में किया गया.
गर्भ में पल रहा शिशु अगर विकृत है तो गर्भ समापन वैध:
सभी जीविका दीदियाँ जो विभिन्न समूहों से आती हैं उन्हें कार्यशाला में बताया गया की सुरक्षित गर्भ समापन कब और किन परिस्थितियों में जायज है.कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को विस्तारपूर्वक बताया गया कि वैध गर्भ समापन हमेशा प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा ही सरकारी अस्पताल या सरकार से मान्यता प्राप्त नर्सिंग होम अस्पताल में मुफ्त में गर्भकाल के 20 सप्ताह तक समापन किया जा सकता है और यह वैध है.
उक्त कार्यशाला का संचालन और जीविका दीदियों का प्रशिक्षण आई पास संस्था की अन्वेषक पदाधिकारी श्रीमती विजयलक्ष्मी, समता ग्राम सेवा संस्थान के महामंत्री श्री रघुपति एवं श्री श्याम कुमार द्वारा किया गया.

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