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देश

घर-घर जाकर टीबी मरीजों की हो रही खोज

-ज्यादा खतरा वाले संदिग्ध मरीजों को दी जा रही दवा
-2025 तक जिले को टीबी मुक्त बनाने का अभियान
बांका, 12 अप्रैल –
जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाना है। इसे लेकर घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज हो रही है। खोज के दौरान यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो उसकी तत्काल जांच की जाती है। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो उसे दवा के साथ पौष्टिक आहार के लिए राशि भी दी जा रही है। सीडीओ डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा ने बताया कि 24 मार्च से 15 अप्रैल तक टीबी मरीजों की खोज के लिए ग्रामीण स्तर पर सघन अभियान चल रहा है। इसमें नए मरीजों की तो खोज की ही जा रही है। साथ ही सघन आबादी वाले क्षेत्रों में जाकर टीबी को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा जिसके घर पर पहले से ही टीबी के मरीज हैं, उस घर के सभी लोगों की जांच की जा रही है। साथ में घर के वैसे सदस्य जिन्हें टीबी नहीं भी है, उसे दवा दी जा रही है, ताकि उस व्यक्ति में टीबी नहीं फैल सके।
जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर अभियान तेजः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय कहते हैं कि टीबी को लेकर अभियान तेज हो गया है। 24 मार्च को हमलोगों ने टीबी दिवस मनाया। उसके बाद भी विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। टीबी मरीजों को हमलोग दवा के साथ पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए भी दे रहे हैं। इसके साथ-साथ कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज की सूचना देते हैं तो उसे भी पांच सौ रुपये विभाग की ओऱ से दिया जा रहा है। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग हर कदम उठा रहा है। सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता से ही टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
सरकारी अस्पतालों में जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा मुफ्तः जिला पीएमडीटी कॉर्डिनेटर गणेश झा ने बताया कि 15 अप्रैल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिये टीबी मरीजों की लगातार खोज हो रही है। इसके अलावा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच से लेकर इलाज तक की मुफ्त व्यवस्था है। हमलोग इस बात को सामुदायिक स्तर पर फैला रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर टीबी मरीजों की खोज के दौरान टीबी के लक्षण और बचाव की भी जानकारी दी जा रही है। लोगों के टीबी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। साथ ही टीबी से बचने के लिए सही पोषण लेने के बारे में बताया जा रहा है। समाज को टीबी से मुक्त करने के लिए लोगों को शपथ भी दिलाई जा रही है। लोगों से कहा जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति टीबी का संदिग्ध मिलता है तो उसे तत्काल सरकारी अस्पताल लेकर जांच करवाएं।

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