Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
छूटे हुए बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की गोली - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
देश

छूटे हुए बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की गोली

-अल्बेंडाजोल की दवा खिलाने के लिए चलाया गया मॉपअप राउंड
-जिले के 12,10,586 बच्चों को दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य
बांका, 26 अप्रैल-
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर 22 अप्रैल को बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई थी। उस दिन जो बच्चे छूट गए थे, उसके लिए मंगलवार को मॉपअप राउंड चलाया गया। मॉपअप राउंड के दौरान एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई। मालूम हो कि कृमि मुक्ति अभियान के तहत जिले के 12,10,586 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के तहत शुक्रवार और मंगलवार को बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में यह अभियान चलाया गया । आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम ने इस अभियान को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई। दो साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई गई और उससे अधिक उम्र के लोगों को पूरी गोली खिलाई गई। यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में चला। अल्बेंडाजोल की दवा बच्चों को चबाकर खाने की सलाह दी गई। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। शुक्रवार को जो बच्चे छूट गए थे, उनके लिए मंगलवार को मॉपअप राउंड चलाया गया।
पेट की बीमारियों से होगा बचावः एसीएमओ ने बताया कि बच्चों को दवा खिलाने का मुख्य उद्देश्य पेट से संबंधित बीमारियों से उसका बचाव करना है। बच्चों को उम्र के अनुसार खुराक दी गई। इसे लेकर व्यापक तैयारी की गई थी। कृमि के कारण बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास बाधित होती है। कृमि से मुक्ति के लिए जिले के 01 से 19 साल तक के सभी बच्चों के लिये कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इसके सेवन से बच्चे पेट के कई रोग, कुपोषण सहित अन्य बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। निर्धारित समय पर कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इससे शरीर के अंदर पल रहे कृमि नष्ट हो जाते हैं। कृमि की दवा खाने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह शरीर को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। बीमार बच्चों को दवा का सेवन नहीं कराया जाना है।
गोली खिलाते वक्त बरती गई सावधानीः एसीएमओ ने बताया कि छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरती गई। अगर किसी बच्चों की कोई गम्भीर बीमारी का इलाज चल रहा  और वह नियमित रूप से दवा खा रहा था तो उसे गोली नहीं खिलाई गई। कोई भी बच्चा सर्दी, खांसी, बुखार या फिर उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो उसे भी दवा नहीं खिलाई गई। दवा खिलाते समय इस बात का ध्यान रखा जा रहा था कि बच्चे दवा को चबाकर खाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *