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देश

जिले में कल से शुरू होगा एमडीए अभियान का दूसरा चरण

आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खिलाएंगी दवा
24 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य

बांका-

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए ( मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान का दूसरा चरण रविवार तीन अक्टूबर से शुरू हो रहा है। पहला चरण 20 से 23 सितंबर तक चला। दूसरा चरण 1 अक्टूबर से शुरू होना था, लेकिन 29 सितंबर को जिउतिया पर्व होने के कारण पल्स पोलियो अभियान बाधित रहा। इसलिए एक अक्टूबर को अभियान के दौरान छूटे हुए बच्चों को पोलिया का ड्रॉप पिलाया जाएगा। दो अक्टूबर को कोरोना टीकाकरण को लेकर महाअभियान है। इस वजह से आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उस दिन व्यस्त रहेंगे। इस कारण 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक एमडीए अभियान का दूसरा चरण चलाने का निर्णय लिया गया है। इस बात की जानकारी पर्यवेक्षण वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। मालूम हो कि इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के कार्यपालक निदेशक द्वारा भी पत्र जारी किया गया था।
जिले के 24 लाख से अधिक लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जाएगी
14 दिनों तक चलने वाले इस अभियान का 10 दिन अभी बचा हुआ है। इसके तहत जिले के 24 लाख से अधिक लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं की 970 टीम बनाई गई है। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर आंगनबाड़ी सेविका या फिर प्रेरक इस काम को कर रही हैं। अभियान के दौरान लाभुकों को अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खिलाई जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं की टीम को क्षेत्र में लोगों को अपने सामने दवा खिला रही हैं। दवा खिलाने के बाद आशा कार्यकर्ता रजिस्टर में लाभुकों का नाम भी दर्ज कर रही हैं। साथ ही अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया और पीसीआई भी सहयोग कर रही है।
गंभीर रूप से बीमारों को नहीं खिलाई जा रही दवाः
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जा रही है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खानी है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जा रही है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रही है। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः
जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।

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