टीबी को मात देकर संजू जगा रही जागरूकता की अलख टीबी मरीजों के लिए बनीं प्रेरणा स्रोत
- समाज की उपेक्षा को दरकिनार कर जिंदगी की जंग से नहीं हारी हिम्मत
जमुई-
‘‘मैं टी.बी. से जीत पा चुकी हूँ और पूरी तरह से स्वस्थ हूँ. जबकि अपने ही परिवार के कुछ सदस्यों ने जाँच के बाद टी.बी. की जानकारी मिलते ही घृणा और उपेक्षा से मुझे देखते थे और दूरियां बनाने लगे थे’’ यह कहना है जिले के खैरा प्रखंड के उन्नीस वर्षीय टी.बी. चैंपियन संजू कुमारी का | इन्होंने विगत दो वर्षों तक डॉट्स के अंतर्गत टी.बी. से मुक्त होने के लिए दवाई खायी और अब दूसरे मरीजों को सीधे जिला यक्ष्मा केंद्र से जुड़ने की सलाह देती हैं |
संजू कुमारु दो वर्ष पूर्व करीब दो सप्ताह से अधिक समय तक घबराहट, साँस लेने में दिक्कत एवं शाम के समय बुखार और खांसी में आये बलगम में खून की बूंदें जैसे लक्षणों को देख खैरा स्थित एक निजी चिकित्सक से इलाज कराने लगे| उचित जानकारी के अभाव में पंद्रह दिनों तक दवाई खाने से राहत मिलने के साथ ही वह आगे का इलाज नहीं करवाई | पुनः एक महीने के बाद उपरोक्त लक्षण आने के साथ ही पूर्णतः अस्वस्थ हो गयी | इसके बाद उसके पिता शम्भु केशरी एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने पटना में एक निजी चिकित्सक से इलाज कराने के क्रम में टी.बी. होने की पुष्टि हुई और उक्त चिकित्सक द्वारा एनएमसीएच में जाने की सलाह दिए | वहां डॉट्स से जोड़ते हुए उन्हें जिला यक्ष्मा केंद्र रेफर कर दिया गया | इसके पश्चात एक हफ्ते तक की दवा खाते ही संजू सामान्य जैसी स्थिति महसूस करने लगी तब तक वह एमडीआर की श्रेणी में पहुँच चुकी थी और पुरे दो वर्षों तक नियमित दवा लेती रही और आवश्यक जाँच भी कराती रही | इस पर उसके उनके पिता कहते हैं उन्होंने तो संजू को पटना ले जाने के क्रम में उनके पूर्णतः ठीक हो जाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन उनके आत्मबल और नियमित दवाई के उपयोग के बदौलत ही वह अपनी बेटी को पुनः स्वस्थ देख पाए हैं. इसके लिए वह सर्वशक्तिमान के आभारी हैं |
वरीय टी.बी. पर्यवेक्षक विजय कुमार बताते हैं चैंपियन संजू कुमारी सेकंड लाइन ट्रीटमेंट के तहत टी.बी. की दवा डॉट्स लेने में स्वयं ही विशेष एक्टिव होकर ली हैं और वह अब पूर्णतः स्वस्थ होकर औरों को भी प्रशिक्षित करने में एक चैंपियन की तरह अग्रणी भूमिका निभाती हैं |
टी.बी. मुक्त वाहिनी से जुड़कर करती हैं जागरूक :
टी. बी. चैंपियन सह समाजसेवी राजीव रावत कहते हैं संजू कुमारी अब लगातार टी.बी. मुक्त वाहिनी संस्था के साथ जुड़कर अन्य मरीजों को नियमित तौर डॉट्स और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साग-सब्जीयों के उपयोग के लिए जागरूक कर रही हैं | वह सभी लोगों को मास्क लगाने एवं 2 गज की दूरी एवं व्यक्तिगत स्वच्छता को अनिवार्य तौर पर अपनाने के लिए भी कहती हैं ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से भी बचा जा सके |
अवर चिकित्सा पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. रमेश प्रसाद ने बताया कि संजू कुमारी प्रथम स्तर की टी.बी. की दवा जो निर्धारित छः माह तक खानी होती है, इसमें अनियमितता होने की वजह से वह मल्टी-ड्रग रेजिस्टंट हो चुकी थी। इसलिए उनका द्वितीय स्तर का इलाज जो 2 वर्षों तक चला, अब वो टी.बी. मुक्त हो चुकी हैं