टीबी हारेगा, देश जीतेगा “अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए 8 से 20 मार्च तक जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित होगी बैठक
- केयर इंडिया के सहयोग से सभी प्रखंडों में स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ होगी टीबी पेशेंट स्पोर्ट ग्रुप मीटिंग
- राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम 2025 की सफलता के लिए चलाया जा रहा है ” टीबी हारेगा, देश जीतेगा ” अभियान
- प्रति वर्ष 24 मार्च को देश भर में मनाया जाता है विश्व यक्ष्मा दिवस
मुंगेर-
राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की सफलता के लिए देश भर में ” टीबी हारेगा, देश जीतेगा ” अभियान चलाया जा रहा है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने सन 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से ” टीबी हारेगा, देश जीतेगा ” का अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी अभियान के प्रचार- प्रसार के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के द्वारा आगामी 8 से 20 मार्च तक जिले के सभी प्रखण्डों में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों और धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों के बीच टीबी जागरूकता को लेकर समूह बैठक आयोजित की जाएगी। इससे संबंधित एक पत्र जिला स्वास्थ्य समिति के सदस्य सचिव सह सिविल सर्जन मुंगेर, डीपीएम और जिला संचारी पदाधिकारी के द्वारा सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों को जल्द निर्गत किया जाएगा।
टीबी हारेगा, देश जीतेगा ” अभियान को एक जनांदोलन के रूप में चलाया जाना है –
जिला यक्ष्मा केंद्र के जिला यक्ष्मा/ एचआईवी समन्वयक शैलेन्दु कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त निर्देश के अनुसार ” टीबी हारेगा, देश जीतेगा ” अभियान को एक जनांदोलन के रूप में चलाया जाना है। इसी के तहत केयर इंडिया के सहयोग से आगामी 08 से 20 मार्च तक जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय पर एक कार्यक्रम निर्धारित कर अलग- अलग तिथियों में टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग आयोजित कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी जैसे पीएचसी के एमओआईसी, बीडीओ, सीडीपीओ, बीआरपी, बीईओ, होस्पिटल मैनेजर, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर के अलावा धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, टीबी चैंपियन,पेशेंट सपोर्टर के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना के बारे में आवश्यक जानकारी दी जानी है। उन्होंने बताया कि सन 2025 तक जिले को यक्ष्मा मुक्त बंनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में और भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत जिले के विभिन्न प्रखण्डों में एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक गांव में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइज़र (एसटीएस) के माध्यम से आम लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के साथ ही चिह्नित रोगियों को नजदीकी अस्पताल में इलाज भी कराया जाता है।