डॉ. संजय चोरडिया की राय; ‘सूर्यदत्ता’ में तिमाही स्टार्टअप फेस्टिवल का आयोजन
पुणे : “नए उद्योग के पहल से भारत आत्मनिर्भर होगा. इनोव्हेशन, इन्क्युबेशन सेंटर के माध्यम से केंद्र सरकार उद्योग के लिए पूरक यंत्रणा तैयार कर रही है. विद्यार्थियों की चिकित्सक, उद्यमी वृत्ती होनी चाहिए. विद्यार्थियों के समग्र विकास के दृष्टी से ‘सूर्यदत्ता’ की यह पहल स्तुत्य है. सूर्यदत्ता संस्था से कई उद्योजक तैयार होंगे,” ऐसी राय सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ के इनोव्हेशन और इन्क्युबेशन सेंटर की संचालिका डॉ. अपूर्वा पालकर ने व्यक्त की.
सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के छात्रों ने लॉकडाऊन के समय में शुरू किये ५० स्टार्टअप का तिमाही फेस्टिवल बावधन कॅम्पस में हुआ. इस वक्त डॉ. पालकर बोल रहे थे. आयटीतज्ज्ञ डॉ. दीपक शिकारपूर, सार डिस्ट्रिब्युशन हाऊस के कार्यकारी संचालक स्वरूप मुलचंदानी, उद्योजक डॉ. दीपक तोष्णीवाल, रॅमरत्न इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यकारी संचालक अली रेझा देहाक्वानपोर, सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय चोरडिया, उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रा. डॉ. शैलेश कासंडे, अधिष्ठाता डॉ. प्रतीक्षा वाबळे, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया आदी उपस्थित थे.
स्टार्टअप फेस्टिव्हल में प्रथम क्रमांक कॉमर्स शाखा के मिहिर गणेशवाडे के ‘इलेव्हन डिझाईन : कप बिन’ स्टार्टअप को, द्वितीय क्रमांक ‘पीआयएटी’ में द्वितीय वर्ष में सीखनेवाले सतीश झेंडे के ‘तन्वी ड्रीम्स’ स्टार्टअप को, और तृतीय क्रमांक ‘एसआयएमएमसी’ में पीजीडीएम के मयूर आतकरी के ‘थर्ड बाईट’ (फूड प्रोसेसिंग) इस स्टार्टअप को मिला. विजेताओं को ११ हजार, सात हजार और पाच हजार रोख और सन्मानचिन्ह, प्रमाणपत्र दिया गया. सभी सहभागी स्टार्टअप को प्रमाणपत्र और रोख एक हजार रुपयों का बक्षीस दिया गया.
डॉ. दीपक शिकारपूर ने कहा, “21वीं सदी में नवाचार और कल्पकता ये नवनिर्मिती के और पूंजी के घटक है. उम्र की मर्यादा नहीं होने के कारण कई नए युवा उद्योजक भारत में तैयार हो रहे है. सूर्यदत्ता समूह की यह पहल सराहनीय है. शिक्षा संस्थां ने अभ्यासक्रम के साथ ऐसे पहल शुरू करने चाहिए. छात्रों ने भी ऐसी गतिविधियों का लाभ उठाया यह अच्छी बात है.”
स्वरूप मुलचंदानी ने कहा, “विद्यार्थियों में अच्छे उद्योजक होने की दृष्टी और ध्येय है. नए पीढ़ी में नई कल्पनाये है. उनके कल्पकता को सही दिशा दे के उद्योग में रूपांतरीत करने के लिए उन्हें मार्गदर्शन और सहाय्य करना होगा. इसके लिए खुद की सीमाओं के परे जाकर प्रयास करना चाहिए. तुम्हारे स्टार्टअप जागतिक लेवल तक जा सकते है.”
प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा,”छात्रों को स्टार्टअप के लिए पूरी तरह से मदद की जा रही है. सफलता -असफलता के बारे में न सोचकर नए विचारों पर काम करना चाहिए. स्पर्धा के युग में रहना हो तो खुद को अपडेटेड रखना जरुरी है. छात्रों ने संशोधन करते रहना चाहिए. कम से कम खर्च में अपना उत्पादन कैसे किया जा सकता है इस पर विचार करे.”
डॉ. दीपक तोष्णीवाल ने कहा, “ग्राहक-उन्मुख और नवाचार पर आधारित स्टार्टअप शुरू होने चाहिए. भविष्य के बारे में सोचकर उत्पादन की निर्मिती करनी चाहिए. उसकी योजना बनाए. मार्केटिंग के साथ ही ग्राहक बढ़ाने के लिए काम करना होगा. उत्पादन का पेटंट करना चाहिए. स्टार्टअप के लिए सरकार के अलग अलग योजनाओं का छात्र लाभ उठाये. डिजिटल माध्यम, सही व्यक्ती और संस्था से संपर्क बढ़ाना चाहिए.”
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ऐसे है ५० स्टार्टअप्ससूर्यदत्ता ग्रुप के कॉमर्स, इन्फर्मेशन टेक्नॉलॉजी, मॅनेजमेंट, डिझाईन, हॉटेल मॅनेजमेंट, फॅशन डिझाईन ऐसे विविध शाखा के विद्यार्थियों ने कुल ५० स्टार्टअपशुरू किये है. उसमें इलेव्हन डिझाइन्स कप बिन, कॅन्व्हा फूड टूर, निओहीट, सुपर हायजेनिक, स्टॉक मार्केट स्काल्पर, द सोशाज क्रिएशन्स, सुशांत गृह उद्योग, टेकी गाईड, सर्वज्ञ मेहेंदी आर्ट, किचन वेस्ट श्रेडर, टेलरव्हिजिट, राधेय हर्बल्स, हॅण्डमेड ज्वेलरी, मैत्री कस्टमाइज प्रिंट, सरकाळे प्रा. ली., डेअरी फार्म, दास कॅफे, अर्ब कार्ट, हार्डवेअर शॉप, कोलशेड, द येलो बटरफ्लाय स्टुडिओ, युनिक आर्टस्, डिझायर इंटिरियर्स, तन्वी ड्रीम्स, इंटिरियर डिझाईन, आर्किटेक्ट डिझाईन स्टुडिओ, लाईटलाईन डिझाईन स्टुडिओ, स्पेक्टरीयर डिझाईन, इंटिरिअर कॉस्ट, होम फर्निशिंग, थ्रीडी प्रिंटर बाय असेम्बलिंग पार्टस, क्लाउड किचन, थिम रेस्टोरंट, गॅम्बलिंग स्पोर्ट्स बार, तन्वी एंटरप्रायझेस, बेकरी फूड ट्रक, वन डे जॉब्स (ओडीजी), पबजी पिज्जा, ओकेसी इंडिया, आरसा वर्धित, नीडलीस, ऍडप्टिव्ह क्लोदिंग, तन्मया, हॅण्डमेड कस्टमाइज प्रॉडक्ट, गारमेंट कंस्ट्रक्शन्स, मॅकरेम व्हेविंग, कस्टमाइज गारमेंट, फॅशन ग्लान्स आदी स्टार्टअप का समावेश है.