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नाथनगर रेफरल अस्पताल में लगा टीबी जागरूकता शिविर

-टीबी से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने का लिया गया संकल्प
-स्वास्थ्य विभाग व केएचपीटी की तरफ से शिविर का किया गया आयोजन

भागलपुर-

जनआंदोलन थीम के तहत टीबी को लेकर जिलेभर में जागरूकता शिविर लगाया जा रहा है। गुरुवार को नाथनगर रेफरल अस्पताल में टीबी जागरूकता शिविर लगाया गया। इसका आयोजन स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) की तरफ से किया गया। इस दौरान रेफरल अस्पताल की पदाधिकारी डॉ. टीना हुसैन ने शिविर में मौजूद आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को टीबी के प्रति क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने के लिए कहा। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर लोगों को टीबी के लक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए कहा। इस मौके पर केएचपीटी की भागलपुर हेड आरती झा, अस्पताल के एसटीएस कृति भारती, लैब टेक्नीशियन नीलू देवी, डीओ रोहित कुमार, बीसीएम किरण कुमारी, डॉ टीना हुसैन आदि थे।

टीबी के लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं-
इस दौरान डॉ. टीना हुसैन ने कहा कि टीबी एक संचारी रोग है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में ड्रॉपलेट के जरिये आसानी से फैलता है। इसलिए टीबी के लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। जांच में अगर पुष्टि हो जाती है तो दवा का सेवन शुरू कर दें। टीबी का इलाज सरकार की तरफ से बिल्कुल ही मुफ्त है और यह सभी तरह के सरकारी अस्पताल में होता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसके समुचित इलाज की व्यवस्था है। यदि किसी को तीन सप्ताह तक लगातार खांसी हो या फिर खांसी में खून आने लगे, बुखार और कफ आने की शिकायत हो तो तत्काल जांच कराएं।

जिनके घर में मधुमेह के मरीज, वे रहें सावधानः
डॉ. हुसैन ने कहा कि आजकल अधिकतर घरों में मधुमेह के मरीज देखे जा रहे हैं। इस वजह से लोग संतुलित आहार लेते हैं। लोग पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार नहीं ले पाते हैं। इससे भी लोग टीबी की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इसलिए अगर किसी के घर में मधुमेह के मरीज हों तो डॉक्टर से पूछकर अपना आहार तालिका बनाएं, ताकि कुपोषण का शिकार होने से बचें और टीबी जैसी बीमारी से बचाव हो सके।

बच्चों के पोषण पर दें ध्यानः
डॉ. हुसैन ने बताया कि टीबी को लेकर बच्चों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चे के पोषण में अगर कमी हो जाए तो उसे आसानी से टीबी अपनी चपेट में ले लेता है। इसलिए कम बच्चे ही अच्छे होते हैं। अगर आपके कम बच्चे होंगे तो उसका सही से ध्यान रख पाएंगे। उसके पोषण के प्रति जागरूक रहेंगे और वह टीबी समेत दूसरी बीमारियों से बचा रहेगा।

टीबी के लक्षण

  1. दो हफ़्ते या अधिक खांसी आना- पहले सूखी खांसी तथा बाद में बलगम के साथ खून का आना।
  2. रात में पसीना आना-चाहे मौसम ठंढे का क्यों न हो।
  3. लगातार बुखार रहना
    4.थकावट होना
    5.वजन घटना
    6.सांस लेने में परेशानी होना

बचाव के तरीके-

  1. जांच के बाद टी.बी.रोग की पुष्टि होने पर दवा का पूरा कोर्स लें।
    2.मास्क पहनें तथा खांसने या छींकने पर मुंह को पेपर नैपकीन से कवर करें।
    3.मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें।
    4.मरीज हवादार और अच्छी रौशनी वाले कमरे में रहें। एसी से परहेज करें।
    5.पौष्टिक खाना खाएं।योगाभ्यास करें।
    6.बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकू, शराब आदि से परहेज करें।
  2. भीड़भाड़ वाली गंदी जगहों पर जानें से बचें।

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