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परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने को प्रेरित करेंगी एएनएम,हुईं प्रशिक्षित

-रंगरा पीएएचसी में एफपीएलएमआईएस का दिया गया प्रशिक्षण
-परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री ऑनलाइन लेने के बताए तरीके
भागलपुर, 30 मार्च।
परिवार नियोजन के साधनों को एएनएम देंगी बढ़ावा। क्षेत्र के लोगों को इसके इस्तेमाल के बारे में बताएंगी। एएनएम अब ऑनलाइन भी सामग्री मंगवा सकती हैं। इसे लेकर रंगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में क्षेत्र की एएनएम को फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक इनफॉरमेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण केयर इंडिया के परिवार नियोजन के जिला समन्वयक जितेंद्र कुमार सिंह ने दिया। प्रशिक्षण के दौरान सभी लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित सामग्रियों को ऑनलाइन कैसे प्राप्त करना है, इसकी जानकारी दी गई। इंडेंट करने से लेकर रिसीव करने के तरीके प्रशिक्षण के दौरान बताए गए। कंडोम, कॉपर टी, अंतरा आदि सामग्री को ऑनलाइन प्राप्त करने की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी गई। सामग्री प्राप्त कर क्षेत्र में इसका प्रचार-प्रसार से लेकर वितरण करने तक के बारे में प्रशिक्षण के दौरान बताया गया। मौके पर रंगरा पीएचसी के प्रभारी डॉ. रंजन कुमार, बीएचएम श्वेता कुमारी, बीसीएम सुधीर पासवान और केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर धर्मेंद्र ओझा समेत कई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। प्रशिक्षण ले रही एएनएम को सभी बारीकी को समझकर क्षेत्र में बेहतर तरीके से काम करने के लिए कहा गया।
परिवार नियोजन को लेकर क्षेत्र में प्रचार-प्रसार भी करेंगी एएनएमः प्रशिक्षण समाप्त हो जाने के बाद एएनएम अब परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री को ऑनलाइन मंगवाकर उसे क्षेत्र में वितरण करने का काम करेंगी। साथ ही परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री के इंडेंट से लेकर प्राप्त करने के तरीके और इसका क्षेत्र में किस तरह से प्रचार-प्रसार करना है, इसकी जानकारी वे अपने सहयोगी को भी देंगे। सामग्री के वितरण के दौरान इसे लेकर लोगों को जागरूक करने का काम भी एएनएम करेंगी। लोगों को समझाएंगी कि इसके इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।
तीन तरीके से प्राप्त कर सकेंगे परिवार नियोजन की सामग्रीः प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि परिवार नियोजन सामग्री को ऑनलाइन तीन तरीके से मंगाया जा सकता है। पहला मोबाइल एप के जरिये, दूसरा मोबाइल से मैसेज कर और तीसरा कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन मंगवा सकते हैं। एएनएम इसे मोबाइल एप और मैसेज के जरिये मंगा सकती हैं, जबकि स्टोरकीपर मैसेज और कंप्यूटर से ऑनलाइन इंडेंट कर भी मंगवा सकती हैं। पहले क्षेत्र के लोगों की जरूरतों के मुताबिक इंडेंट करेंगे। सामग्री आ जाने के बाद फिर उसका क्षेत्र के लोगों के बीच वितरण करेंगी।
परिवार नियोजन पर किया जा रहा फोकसः पीएचसी प्रभारी डॉ. रंजन कुमार ने बताया कि जिले में परिवार नियोजन को लेकर लगातार फोकस किया जा रहा है। इसे लेकर परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री के वितरण से लेकर समय-समय पर कैंप और मेला भी लगाया जाता है। जहां पर लोगों को परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में बताया जाता है। साथ ही किस तरह से बच्चे की प्लानिंग करती है, इसकी जानकारी दी जाती है। दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल और पहला बच्चा 20 साल से पहले नहीं हो, इस बारे में बताया जाता है। दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली बीमारी से सुरक्षित रहता है।

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