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फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला में एक बार फिर से शुरू हुआ एमडीए कार्यक्रम

  • जिला के कुल 14.64 लाख लोगों को खिलायी जानी है डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली
  • मोबाइल टीम द्वारा सरकारी / गैर सरकारी कर्मियों, स्कूली छात्रों, दुकानदारों एवं मजदूरों को उनके कार्यस्थल पर जाकर खिलाई जाएगी दवा

मुंगेर, 05 अक्टूबर-

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग हर वर्ष नियमित अंतराल पर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाता है। इसी क्रम में विगत 20 सितंबर से मुंगेर सहित राज्य के 22 जिलों में एम.डी.ए कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है । इसी दौरान 26 से 30 सितंबर तक पोलियो की दवा खिलाने का अभियान भी चलाया गया, जिसके कारण 24 सितंबर से 30 सितंबर तक एम.डी.ए कार्यक्रम को स्थगित रखा गया। सोमवार से दुबारा जिला के बरियारपुर , खड़गपुर, मुंगेर सदर सहित कई प्रखंड़ों में एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत हुई । इसके तहत स्वास्थ्य विभाग सभी लक्षित लाभार्थियों को डीईसी और अल्बेंडाजोल दवा का सेवन करवाने के लिए संकल्पित है। इसी क्रम में घर में न मिल पाने वाले कामकाजी लोगों को दवा खिलाने के लिए मोबाइल टीम का गठन कर ऐसे लोगों को उनके कार्यस्थल पर ही दवा खिलाने का निर्णय लिया गया है ।
मोबाइल टीम द्वारा सरकारी/ गैर सरकारी कर्मियों, स्कूली छात्रों, दुकानदारों एवं मजदूरों को उनके कार्यस्थल पर जाकर खिलाई जाएगी दवा :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि एम.डी.ए कार्यक्रम के तहत मोबाइल टीम द्वारा सरकारी/ गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी/ कर्मियों, स्कूल के शिक्षकों/ विद्यार्थियों, हाट बाजार के दुकानदारों एवं मजदूरों, माल कर्मियों को उनके कार्यस्थल पर जाकर दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो सुबह से लेकर शाम तक अपने घरों में नहीं रहते हैं इन्हें मोबाइल टीम द्वारा उनके कार्यस्थल पर जाकर ही दवा खिलाई जाएगी।
मंडल कारा के कैदियों, जेल स्टाफ और उनके परिवारजनों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाई गई
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान जिला में 24 से 30 सितंबर तक एमडीए कार्यक्रम को स्थगित रखा गया था। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और डेवलपमेन्ट पार्टनर के प्रतिनिधियों के सहयोग से विगत 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को मंडल कारा मुंगेर के सभी कैदियों, जेल स्टाफ और उनके परिवार जनों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। उन्होंने बताया को सोमवार से एक बार फिर से जिला के विभिन्न प्रखंड़ों में एमडीए कार्यक्रम शुरू हो गया है। जिला भर के करीब 14 लाख 64 हजार 378 लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जानी है। उन्हें उनके उम्र के अनुसार ही गोलियां दी जा रही और सभी लोगों को अपने सामने ही दवा खिलायी जा रही है। गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों और किसी गंभीर रोग ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है।
अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाएं और खाली पेट कभी भी नहीं खाएं
उन्होंने बताया कि दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी एक और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। पांच से 15 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। वहीं, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन व अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। अल्बेंडाजोल की गोलियां हमेशा चबाकर खाएं और खाली पेट कभी भी नहीं खाएं। अन्यथा नुकसानदायक हो सकता है। अगर दवा खाने के बाद किसी तरह की परेशानी हो तो नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह दें।

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