फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम शुरू, सामुदायिक स्तर पर लोगों का लिया जा रहा है सैंपल
– चयनित जगहों पर शिविर आयोजित कर की जा रही है सैम्पलिंग
– 18 मई तक चलेगा कार्यक्रम, सफलता को लेकर बैठक कर तैयार किया गया एक्शन प्लान
लखीसराय, 12 मई-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में तय तिथि के अनुसार बुधवार की देर रात से नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम (रात्रि रक्तपट्ट संग्रह) का शुभारंभ हो गया। जिसका समापन 18 मई को होगा। इस दौरान चयनित जगहों पर शिविर आयोजित कर गठित मेडिकल टीम द्वारा सैंपल ली जाएगी। इसके अलावा संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को सैम्पलिंग कराने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। ताकि संबंधित मरीजों की समुचित जाँच सुनिश्चित हो सके और शुरुआती दौर में ही बीमारी की सही जानकारी मिल सके। इससे ना सिर्फ मरीजों का समसय इलाज शुरू होगा बल्कि, फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को भी गति मिलेगी। इसी उद्देश्य के साथ जिले में नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। वहीं, कार्यक्रम की सफलता को लेकर गठित मेडिकल टीम ने पूरी ताकत झोंक दी है। हर हाल में शत-प्रतिशत लोगों का सैम्पलिंग सुनिश्चित कराने को लेकर व्यापक तैयारी की गई है। वहीं, इस दौरान सर्वे कर रही मेडिकल टीम द्वारा सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस कार्यक्रम के उद्देश्य समेत फाइलेरिया से बचाव, इसके कारण, लक्षण और उपचार की भी जानकारी दी जा रही है।
– कार्यक्रम की सफलता को लेकर बैठक कर बनाया गया एक्शन प्लान :
कार्यक्रम की सफलता को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और संकल्पित है। जिसको लेकर गुरुवार को फाइलेरिया प्रभावित एरिया में आने वाले सदर पीएचसी लखीसराय, पिपरिया और रामगढ़ पीएचसी में समन्वय समिति की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा आईसीडीएस, जीविका, केयर इंडिया समेत अन्य सहयोगी संगठन के पदाधिकारी और कर्मी शामिल हुए। बैठक में हर हाल में कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने को जरूरी बिचार-विमर्श किया गया। जिसके बाद कार्यक्रम को गति को तेज रफ्तार देने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया। बैठक में केयर इंडिया के डीटीएल नावेदउर रहमान, डीपीओ कृष्ण कुमार भारती, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद आदि मौजूद थे।
– फाइलेरिया से बचाव के लिए शुरुआती दौर में ही बीमारी की जानकारी जरूरी, इसलिए जरूर कराएं जाँच :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए शुरुआती दौर में ही बीमारी की सही जानकारी होना जरूरी है। किन्तु, यह तभी संभव है, जब शुरुआती यानी लक्षण दिखते जाँच कराया जाएगा। इसलिए, मैं तमाम आमजनों से अपील करता हूँ कि निश्चित रूप से जाँच कराएं और फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रभाव से दूर रहें। वहीं, उन्होंने बताया, रात के 08 बजे से 12 बजे के बीच इस बीमारी जाँच करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। दरअसल, इस दौरान कीटाणु सक्रिय होता है। जिसके कारण आसानी के साथ शुरुआती दौर में बीमारी की सही जाँच संभव है। इसी उद्देश्य से नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का निर्णय लिया गया।
– कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वास्थ्य कर्मियों का मिल रहा सकारात्मक सहयोग :
नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का लीड कर रहे केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती ने बताया, कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों का भी सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन सभी सहयोग से ब्लड सैम्पलिंग का कार्य अच्छा रहा और निर्धारित समय के अनुसार 08 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हुआ और आधी रात 12 बजे तक चला। वहीं, उन्होंने बताया, इस दौरान आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपने-अपने स्तर से भी लोगों को सैम्पलिंग के लिए जागरूक किया जा रहा है।