फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम को ले दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू
- जिला समिति लखीसराय के सभागार में प्रशिक्षण शिविर
- प्रशिक्षण शिविर में सदर अस्पताल लखीसराय के उपाधीक्षक सहित सभी सीएचसी और पीएचसी के एमओआईसी, बीसीएम, ब्लॉक एम एंड सी, सहायक डाटा ऑपरेटर एवं भंडारपाल भाग ले रहे
लखीसराय, 04 अगस्त-
जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एफपी- एलएमआईसी) को लेकर बुधवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता करते हुए लखीसराय के सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021- 22 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत परिवार नियोजन गर्भ निरोधकों का अनुश्रवण एवं प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एफपी- एलएमआईसी) प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला समिति लखीसराय के सभागार में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है |प्रशिक्षण कार्यक्रम में सदर अस्पताल लखीसराय के उपाधीक्षक सहित जिला के सभी सीएचसी और पीएचसी के एमओआईसी, बीसीएम, ब्लॉक एम एंड सी, सहायक डाटा ऑपरेटर एवं भंडार पाल हिस्सा ले रहे हैं।
विभिन्न संस्थानों में माला एन, कंडोम, अंतरा, छाया एवं आईयूसीपी का उपयोग किया जा रहा
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लखीसराय के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) और परिवार कल्याण के नोडल अधिकारी डॉ.रामप्रीत सिंह ने बताया कि जिला के विभिन्न संस्थानों में माला एन, कंडोम, अंतरा, छाया एवं आईयूसीपी का उपयोग तो किया जा रहा है लेकिन अब उसे (एफपी- एलएमआईसी) के वेब पोर्टल के माध्यम से किया किया जाना है। एफपी- एलएमआईसी से डाटा संग्रह, संचरण और वितरण का समय काफी कम होगा –
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीटीएल केयर नावेद उर रहमान ने बताया कि 10 प्रतिशत ऐसे योग्य दम्पति है जिन्हें परिवार नियोजन की विधियों की आवश्यकता तो है परंतु सही जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण वो परिवार नियोजन के साधन अपनाने से वंचित हैं। केयर इंडिया के फैमिली प्लांनिग कोऑर्डिनेटर अनुराग गुंजन ने बताया कि (एफपी- एलएमआईसी) आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभावी नियंत्रण रहने में मददगार साबित होगा। इससे आपूर्ति असंतुलन एवं स्टॉक आउट में कमी आएगी। यह कागज के दबाव को कम करेगा। इसके साथ ही डाटा संग्रह, संचरण और वितरण के समय को भी काफी कम करेगा।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र के लिए दो यूजर आईडी एक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और दूसरा भण्डारपाल का होगा। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं के लिए अलग से यूजर आईडी बनाया गया है।