बच्चों को रोगों से बचाने के लिए उनका टीकाकरण अवश्यक कराएं
-अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण कराकर परेशानियों से रहें दूर
बांका, 20 मई-
बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है। यह शरीर में बीमारियों को लेकर प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है। इसके साथ ही एंटीबॉडी बनाकर शरीर को सुरक्षित भी रखता है। नियमित टीकाकरण से बच्चों में जानलेवा बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह उनका सही तरीके से टीकाकरण नहीं होना है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण विभिन्न बीमारियों के संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ व्यक्ति की रक्षा करता और शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ करता है। शिशुओं को स्तनपान कराने से भी उनकी रोग प्रतिरक्षण प्रणाली तेज होती है। नियमित टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है।
बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है टीकाकरणः डॉ. चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण शिशु के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों में होने वाली बीमारियों व संक्रमण का असर तेजी से उनके शरीर पर होता और उनके अंगों को प्रभावित करता है। बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटा वायरस वैक्सीन, इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किये जाते हैं। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम इसी उद्देश्य के साथ चलाया गया कि बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण किया जा सके। अगर मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत बच्चे की टीकाकरण नहीं करा सके हैं तो कोई बात नहीं। बांका में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण का ही काम होता है। अन्य जगहों पर जो भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र है, वहां पर चले जाएं। बच्चों का मुफ्त टीकाकरण होता है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को नियमित टीकाकरण होता है।
बीसीजी टीका से टीबी से होगा बचाव: डॉ. चौधरी ने बताया कि टीबी से फेफड़ों, दिमाग और शरीर के अंग प्रभावित होते हैं। यह रोग पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलती है। बीसीजी टीका के जरिये बच्चे को टीबी की बीमारी से बचाया जा सकता है। बच्चों के जन्म लेने के तुरंत बाद उन्हें बैसिले कैल्मेट गुरिन (बीसीजी) के टीके लगाये जाते हैं। यह बच्चों के भविष्य में क्षयरोग, टीबी मेनिनजाइटिस आदि रोगों के संक्रमण की संभावना को कम करता है।
हेपेटाइटिस ए टीका से लीवर का होगा बचाव: डॉ. चौधरी ने बताया कि हेपेटाइटिस ए विषाणु जनित रोग है, जो लिवर को प्रभावित करता है। दूषित भोजन, पानी या संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने की वजह से यह रोग फैलता है। बच्चों में यह रोग ज्यादा होता है। बुखार, उल्टी और जांडिस जैसे रोगों से बच्चा प्रभावित होता है। हेपेटाइटिस ए वैक्सीन का पहला टीका बच्चों को जन्म के एक साल बाद लगाया जाता और दूसरा टीका पहली डोज के 6 महीने बाद लगाया जाता है।