बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की हो रही है स्वास्थ्य जाँच
- स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस एवं केयर इंडिया की टीम द्वारा की जा रही है जाँच,
- सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा को देने को गर्भवती महिलाओं का लगातार किया जा रहा फॉलोअप
खगड़िया, 24 अगस्त| बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाकर एवं घर-घर जाकर गठित मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच की जा रही है। ताकि प्रसव के अंतिम दौर से गुजर रही महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो और सुविधाजनक तरीके से उनका प्रसव हो। इसे सुनिश्चित करने को लेकर जहाँ गठित स्वास्थ्य टीम में शामिल एएनएम, ऑगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ताओं के साथ केयर इंडिया की टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की लगातार स्वास्थ्य जाँच की जा रही है। वहीं, आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा की गई विशेष व्यवस्था की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि ऐसे लाभार्थियों को सरकार की योजनाओं की जानकारी मिल सके और वह लाभ ले सकें। इसी कड़ी में मंगलवार को चौथम प्रखंड के पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित बुच्चा पंचायत में केयर इंडिया के सीवीसी अंकुर कुमार एवं चंदन कुमार के नेतृत्व में गठित मेडिकल टीम द्वारा घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच की गई । इस दौरान सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को आवश्यक जानकारी व सलाह दी गई। साथ ही गर्भावस्था के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, किस तरह सावधानी बरतनी चाहिए, रहन-सहन, साफ-सफाई समेत अन्य आवश्यक जानकारी विस्तृत रूप से दी गई।
- सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने पर दिया गया बल :-
चौथम पीएचसी में कार्यरत केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक करण कुमार ने बताया, इस दौरान सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर क्या करना चाहिए, किससे संपर्क करना चाहिए समेत अन्य जानकारियाँ दी गई। साथ ही संस्थागत प्रसव को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान ऐसे महिलाओं की सूची तैयार की गई, जो गर्भधारण के अंतिम यानी नौवें महीने में गुजर रही है। - नौवें महीने में गुजर रही गर्भवती महिलाओं का लगातार फॉलोअप :
आईसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, इस दौरान खासकर ऐसे महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है, जो गर्भधारण के अंतिम यानी नौवें महीने में गुजर रही हैं । ऐसे महिलाओं का ऑंगनबाड़ी सेविका को सूची तैयार कर स्थानीय बाल विकास परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि प्रसव पीड़ा होने पर सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए उन्हें तुरंत समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके । इसके अलावा सभी गर्भवती महिलाओं की समुचित जाँच की जा रही है। साथ ही इस दौरान डायरिया समेत अन्य जलजनित बीमारियों से भी बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है। दरअसल, बाढ़ की पानी उतरते ही महामारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। - इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- गर्म व ताजा खाना का सेवन करें और बासी और बाहरी खाना से बिलकुल दूर रहें।
- लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
- भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें और यात्रा के दौरान सैनिटाइजर का उपयोग करें।