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देश

मेगा स्वास्थ्य शिविर में एच आई वी जांच व परामर्श से उत्साहित हैं ग्रामीण

  • गर्भस्त माँ से शिशु में एचआईवी की रोकथाम की दी जा रही है जानकारी
  • 2 दिसम्बर से 15 फरवरी-2022 तक चलेगा अभियान
  • प्रवासी कर्मियों की स्क्रीनिंग और परामर्श पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान

मुंगेर, 8 दिसम्बर।
जिले के सभी नौ प्रखंडों में राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशन में 2 दिसम्बर से मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है | उक्त शिविर के माध्यम से गर्भवती महिला से गर्भस्थ शिशु में एचआईवी की रोकथाम की जानकारी व परामर्श दी जा रही है | यह पहली दफा समुदाय स्तर पर होने वाली एचआईवी जाँच और परामर्श की व्यवस्था है |
इस शिविर की फील्ड मॉनिटरिंग करने खड़गपुर प्रखंड के पहाडपुर और बनबरसा पहुंचे डॉ. ध्रुव कुमार साहा, संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी ने बताया आगामी 15 फ़रवरी तक अभियान को चलाया जायेगा | इसके अंतर्गत कुल 77 शिविरों का आयोजन किया जाना है | उन्होंने इसके उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा एचआईवी संक्रमण से बचाने हेतु स्थायी तौर पर टीका की खोज अभी तक नहीं हो पायी है | इसलिए गर्भवती माता से शिशु की शुरुआती स्तर पर ही एचआईवी का पता लगाने और यथोचित उपाय के लिए अभियान को अंजाम दिया गया है तथा एचआईवी के प्रति लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूक किया जाना है | अभी तक करीब 400 लोगों की जाँच हो चुकी है और सभी निगेटिव रिपोर्ट अच्छे संकेत हैं | यदि किसी को एचआईवी पाया भी जाता है तो एड्स में परिणत होने में व्यक्ति के रोग प्रतिरोधी क्षमता पर निर्भर करता है | अमूमन 3 से 5 वर्षों की अवधि में अवसरवादी संक्रमणों के प्रभाव से रोगों से लड़ने की क्षमता समाप्त हो जाती है और मृत्यु हो जाती है | इस स्थिति से बचाने के लिए सरकार ने एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी के तहत निर्धारित समय में दवा को खाने से व्यक्ति सामान्य जीवन को जी सकता है | उन्होंने एचआईवी संक्रमण के चार कारणों को बताया ,पहला असुरक्षित यौन संबध, दूसरा बगैर जांचे परखे रक्त चढाने से और तीसरा संक्रमित व्यक्ति को लगे सिरिंज से और चौथा संक्रमित माता के गर्भ से होने वाले शिशु के संक्रमित होने की सम्भावना होती है | अतः सुरक्षित यौन संबध में कंडोम का उपयोग सबसे आसान है। रक्त के लिए ब्लड बैंक ही बेहतर है। प्रवासी कर्मियों को नियमित अंतराल पर एचआईवी की जाँच करने की सलाह दी |
इस सन्दर्भ में डॉ. लाल बहादुर गुप्ता, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, खड़गपुर ने बताया इएम टीसिटी अभियान के लिए सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उपस्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी सह एचआईवी स्क्रीनिंग का निर्देश दिया गया है | इसका पालन भी हो रहा है |
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पहाड़पुर में डॉ. सुजीत कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, रानी स्वीटी सिन्हा, जीएनएम, पुष्पा, एएनएम, विभा और पुष्पा आशा वर्कर ने अलग-अलग टीम में एचआईवी संक्रमण और बचाव पर चर्चा की।
जिले से मॉनिटरिंग टीम में आदित्य राज, परामर्शी, शैलेंदु कुमार, समन्वयक टी.बी. एचआईवी, प्रियांशु शेखर, एल टी, राजू शर्मा, अहाना प्रतिनिधि, प्रखंड स्तर से डॉ. मोहम्मद हस्नयन, चिकित्सा पदाधिकारी, राजेश कुमार एलटी और चार एएनएम की टोली घर-घर जा कर परामर्श देने में अपनी भूमिका निभा रहे थे
ग्रामीणों में दिखा उत्साह :
पहली बार समुदाय में बड़े स्तर पर एचआईवी की जाँच और परामर्श से ग्रामीणों में सरकार के प्रयास पर संतुष्ट राजो सिंह, बनबरसा ने बताया इस जाँच ने लोगों में एड्स के डर को कम करने का काम किया है | सुरक्षित जीवन शैली को सभी को अपनाना जरूरी है| वहीं रानी देवी ने कहा गर्भवती महिलाओं की एचआईवी की जाँच सुरक्षित मातृत्व और बचपन के लिए नितांत जरूरी है|

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