मैटरनल डेथ सर्विलांस रिपोर्ट ट्रेनिंग(एमडीएसआरटी) पर कार्यशाला का आयोजन आज
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– जिला स्वास्थ्य समिति लखीसराय के सभागार में होगी कार्यशाला,इसमें हिस्सा लेने के लिए सिविल सर्जन ने जारी की चिट्ठी
– कार्यशाला में प्रशिक्षक रहेंगे सदर अस्पताल लखीसराय के डॉ कुमार अमित और जिला योजना समन्वयक
– कार्यशाला में तकनीकी सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे डीटीएल केयर नावेद उर रहमान
लखीसराय, 04 मार्च –
जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में शुक्रवार को मैटरनल डेथ सर्विलांस रिपोर्ट ट्रेनिंग (एमडीएसआरटी) विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इससे सबंधित एक चिट्ठी सिविल सर्जन कार्यालय से उपाधीक्षक सदर अस्पताल, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला संचारी रोग पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सभी अस्पताल , राज्य स्वास्थ्य समिति के डीपीसी, डीसीएम के साथ ही सभी प्रखण्डों के बीएचएम और बीसीएम को जारी की गई है। इसके साथ ही सदर अस्पताल लखीसराय के उपाधीक्षक और सभी पीएचसी के प्रभारी को उनके संस्थान में कार्यरत सभी स्त्री रोग विशेषज्ञ को एमडीआरटी विषय पर आयोजित कार्यशाला में शामिल कराने का निर्देश दिया गया है।
सभी प्रखण्डों में कार्यरत सीडीपीओ की कार्यशाला में भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश –
जिला संचारी रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. पीसी वर्मा ने बताया कि मैटरनल डेथ रिस्पांस रिपोर्ट ट्रेनिंग ( एमडीएसआरटी) विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में सदर अस्पताल लखीसराय के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार अमित और जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक ( डीपीसी) मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में तकनीकी सहयोग के लिए डीटीएल केयर नावेद उर रहमान भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी यह निर्देश दिया गया है कि वो जिले के सभी प्रखण्डों में कार्यरत सीडीपीओ की कार्यशाला में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
कमिटी के प्रधान जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सीएमओ या सिविल सर्जन होते हैं
जिला संचारी रोग के नोडल अधिकारी ने बताया कि जिला स्तर पर काम करने वाली मैटरनल डेथ सर्विलांस रिपोर्ट कमिटी के प्रधान जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सीएमओ या सिविल सर्जन होते हैं। इनके ऊपर ही जिला स्तर पर फैसिलिटी और कम्युनिटी दोनों स्तर पर होने वाली मैटरनल डेथ सर्विलांस रिपोर्ट की जिम्मेवारी होती है। जिलास्तरीय मैटरनल डेथ कमिटी में चेयरमैन के रूप में सीएमओ या सिविल सर्जन के अलावे सदस्य सचिव के रूप में डिस्ट्रिक्ट नोडल ऑफिसर ( डीएनओ), अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ( एसीएमओ), मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल या जिला अस्पताल में कार्यरत प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर, एनेस्थीसिया स्पेसलिस्ट, ब्लड बैंक स्टोरेज सेंटर के इंचार्ज, सिविल सर्जन द्वारा चुनी गई सीनियर नर्स के साथ ही फैसिलिटी के केस में मौजूद स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं । उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के साथ मैटरनल डेथ सर्विलांस रिव्यु मीटिंग होने की स्थिति में सभी मैटरनल डेथ रिपोर्ट कंपाइल कर कमिटी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने रखती है। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट इन सभी रिपोर्ट की समीक्षा करते हैं चाहे वो मैटरनल डेथ घर में हुआ हो या फैसिलिटी या अन्य स्थानों पर । इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमिटी काम करती है।