विवाह के साथ हीं करें परिवार कि प्लानिंग : सिविल सर्जन
- परिवार नियोजन पर कार्यशाला का आयोजन
- सीफार के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन
मुंगेर-
विवाह के साथ ही नवदम्पति को परिवार की प्लानिंग करनी चाहिए । उक्त बातें बुधवार को मुंगेर जिला के एक होटल में केयर इंडिया के सहयोग से सीफार द्वारा परिवार नियोजन विषय पर आयोजित मीडिया कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती ने कही। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए, डॉक्टर और इंजीनियर बनने और बनाने के लिए बचपन से प्लानिंग करते हैं ।लेकिन विवाह के तत्काल बाद अपने परिवार की प्लानिंग नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से नवदम्पति अपने बच्चों के बीच सही अंतराल रख पाते हैं। इसके परिणाम स्वरूप नवदम्पति न तो अपने बच्चों को सही शिक्षा दे पाते हैं और न ही उसके सही पोषण और स्वास्थ्य का ख्याल रख पाते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता के लिए देश भर में कई स्वयंसेवी संस्थाएं काम कर रही है। केयर इंडिया और सीफार भी उनमें से एक है। केयर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मियों को परिवार नियोजन सहित अन्य विषयों पर तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं सीफार जैसी संस्था स्वास्थ्य संचार को मजबूत करने में योगदान दे रही है। उन्होंने सभी मीडिया कर्मियों से परिवार नियोजन सहित अन्य विषयों पर लोगों को जागरुक करने की अपील की, ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी सही समय में सही तरीके से पहुंच सके।
इससे पहले कार्यशाला में आये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मीडिया बंधुओं का स्वागत करते हुए सेंटर फॉर एडवोकेसी रिसर्च संस्था के अनीस उर रहमान खान ने परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता की बात कही एवं मीडिया के द्वारा पुरुषों को जागरूक करने की अपील भी की।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) निखिल राज ने बताया कि 14 जनवरी 31 जनवरी तक मुंगेर सहित राज्य भर में मिशन परिवार विकास अभियान शुरू हो रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के जिन जिलों का टोटल फर्टीलिटी रेट 3.0 से ज्यादा है वहां यह अभियान चलाया जाना है। बिहार के 38 में 37 जिले इस दायरे में आते हैं जहां यह अभियान चलाया जाना है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत 14 से 20 जनवरी के बीच जिले भर में आशा कार्यकर्ता नवदम्पतियों से संपर्क कर उसे नई पहल किट देकर उन्हें परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करने के साथ हीं परिवार नियोजन के साधनों के प्रति भी जागरूक करेगी।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डीटीएल केयर डॉ. अजय आर्य ने बताया कि 2018 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में सामान्यतः 16 से 17 साल में लड़कियों की शादी हो जाती है और वो 18 वर्ष के करीब पहले बच्चे की मां बन जाती है। इसके बाद 20 साल कि उम्र वो दूसरे बच्चे की भी मां बन जाती है। उन्होंने बताया कि बिहार में करीब 25 वर्ष कि उम्र महिलाएं परिवार नियोजन के लिए बंध्याकरण ऑपरेशन करवाती हैं। उन्होंने बताया कि बगैर जागरूकता के बिहार में टोटल फर्टिलिटी रेट के 2 से नीचे आना सम्भव नहीं है। इसके लिए जरुरी है कि लड़की कि शादी सही समय पर हो और वह सही समय पर गर्भधारण करे। इसके साथ ही दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतराल रखे और 25 से पहले परिवार नियोजन के लिए स्थाई साधन अपना लेना जरूरी है।
कार्यशाला को सबोधित करते हुए केयर इंडिया की परिवार नियोजन परामर्श दाता तस्नीम रजी ने बताया कि जिले का टोटल फर्टीलिटी रेट तब तक कम नहीं हो सकता है जब तक हम और आप नहीं चाहेंगे। इसके लिए परिवार स्तर और आउटरीच लेवल पर जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत निर्धारित स्थान पर ई. रिक्सा के माध्यम से परिवार नियोजन को ले माइकिंग की जाएगी। इस दौरान परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन सहित कई अन्य साधन उपलब्ध भी रहेंगे।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. नसीम रजी ने बताया कि भारत सरकार कि सभी योजनाएं एक तरफ और परिवार नियोजन से सबंधित योजनाएं एक तरफ है। जनसंख्या नियंत्रण के बाद ही सरकार कि सभी योजनाएं सभी रूप में क्रियान्वित हो पाएगी। जनसंख्या यदि कम होगा तभी स्वास्थ्य संस्थानों पर लोड घटेगा और सुविधाओं में बढ़ोतरी और सुधार सम्भव है। उन्होंने कहा कि भारत को यदि अन्य विकसित देश कि तरह विकसित देश बनना है तो सबसे पहले जनसंख्या स्थिरीकरण पर ध्यान देना होगा।
इस अवसर पर सीफार के प्रमंडलीय समन्यक मुंगेर श्याम त्रिपुरारी, जय प्रकाश कुमार, राकेश कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे।