समाज सेवा शिविर का किया उद्घाटन
पिण्डवाड़ा:- रा.बा.उ.मा. वि. पिण्डवाड़ा में समाज सेवा शिविर के आठवें दिन श्रीमान जेठूसिह करनोत (पुलिस उपअधीक्षक पिण्डवाड़ा) के मुख्य आतिथ्य ने समाज सेवा शिविर का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण, एवं दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ । कार्यक्रम के प्रारंभ में स्थानीय विद्यालय की छात्राओं द्वारा विद्यालय भवन की साफ सफाई की गई इसके पश्चात छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जिससे बढ़ चढ़कर छात्राओं ने भाग लिया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमान जेठूसिह करनोत ने बताया कि जीवन में यदि सफल होना है तो सर्वप्रथम हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा और लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्यअनुरूप मेहनत करनी होगी। कार्यक्रम के बीच में स्थानीय विद्यालय की छात्रा संतोष कुमारी ने मुख्य अतिथि से प्रश्न किया कि सर आप अभी जिस पद पर हैं वहां तक कैसे पहुंचे तो मुख्य अतिथि ने समस्त छात्राओं को अपने पद तक पहुंचने की कहानी बताई और कहा कि आप भी इस पद पर इस प्रकार मेहनत उरके पहुंच सकती हो । छात्राओं के आत्म विश्वास को देखते हुए छात्राओं की, विद्यालय प्रशासन की शी- सूरि प्रशंसा की। अंत में मुख्य अतिथि महोदय ने भारतीय दंड संहिता से छात्राओ को अवगत भी कराया । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मनोहरलाल मेघवाल प्रधानाचार्य राउमावि पिण्डवाड़ा ने समाज सेवा, शिविर की उपादेयता ही जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीमान मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री मंवर लाल पुरोहित ने अपनी 40 साल की सेवा के अनुभव छात्राओं के साथ बोटे । श्रीमान भंवरलाल पुरोहित ने कहा कि आप में ही कल्पना चावला, बछेन्द्री पाल, गार्गी जैसी प्रतिमाएं है बस आवश्यकता है अपने आप को पहचानने की। अंत में स्थानीय विद्यालय के संस्था प्रधान की रमेश लाल मेघवाल ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए जीवन के हर क्षेत्र में सेवा करने हेतु छात्राओ को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की होनहार छात्रा डिम्पल कुमारी ने शायराना अदाज में कर अतिथियों की वाह-वाही लूटी। इस अवसर पर शिविर प्रमाण की गोकुल राम रावल ने सात दिवस मे जो श्रमदान किया उसका प्रतिवेदन प्रस्तूत किया। कार्यक्रम में श्री बाबुबाल गुरु, श्री रमेश कुमार मिस्त्री, श्री दौलत सिंह, श्री विक्रम कुपार छीपा, श्री लखमाराम मेघवाल श्री रणजीत सिंह सोलंकी की उपस्थिति रहीं रणजीत जीनगर