Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विटामिन, प्रोटीन, वसा एवं कार्बोहाइड्रेट कारगर - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
राज्य

संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विटामिन, प्रोटीन, वसा एवं कार्बोहाइड्रेट कारगर

– विटामिन डी -3 हड्डी एवं ह्रदय रोगों से करता है बचाव
 – गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी के कारण नवजात शिशुओं पर पड़ता हैं बुरा असर : डॉ नीलू
– प्राकृतिक रूप में मिलने वाले खाद्य पदार्थों में विटामिन की रहती हैं प्रचुर मात्रा
मुंगेर, 26 मई
मानव के संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विटामिन,  प्रोटीन, वसा एवं कार्बोहाईड्रेट की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। ह्रदय, स्नायु, मस्तिष्क एवं हड्डियों से संबंधित व्याधियों में विशेषकर विटामिन बी -12 एवं डी – 3 का अहम योगदान होता है। नियमित रूप से आहार लेने के साथ ही बी-12 एवं डी-3 युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से इनकी कमी को पूरा करते हुए अन्य प्रकार की होने वाली गंभीर समस्याओं या रोगों से बचा जा सकता है।
मुंगेर के एसीएमओ सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि विटामिन डी-3 हड्डी एवं ह्रदय रोगों से बचाव करता है। इसकी कमी के कारण नवजात शिशु रिकेट्स एवं युवा ओस्टियोमलेसिया नामक हड्डी रोग से पीड़ित हो जाते हैं। इन दोनों रोगों में हड्डी की कठोरता खत्म होने लगती है। इसके साथ ही यह लचीला भी हो जाता है। इससे हड्डी में विभिन्न प्रकार के रोग होने लगते हैं। इसके अलावा विटामिन डी-3 ह्रदय को भी स्वस्थ्य रखने में सहयोग करता है। इससे होने वाली मृत्यु में कमी भी लाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति का शरीर विटामिन डी को इसके सक्रिय अवस्था (डी-3) में परिवर्तित करने में अक्षम होने लगता है। जिसके कारण शरीर में विटामिन डी-3 की कमी होने लगती है।
गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी के कारण नवजात शिशुओं पर पड़ता है बुरा असर : डॉ. नीलू
केयर इंडिया मुंगेर की डीटीओ ऑफ डॉ. नीलू ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में विटामिन बी – 12 की कमी के कारण धातृ महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ ही नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े संगठनों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी के कारण शिशुओं में स्नायु से संबंधित रोगों की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान होने वाली विभिन्न तरह की जटिलताएं जैसे: अचानक गर्भपात, उच्च रक्तचाप एवं पेशाब में प्रोटीन की अधिकता से विटामिन बी-12 माताओं का बचाव करता है। इसके अलावा विटामिन बी-12 स्नायु उत्तम स्वास्थ्य, मस्तिष्क विकास एवं लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी काफ़ी सहयोग करता है। इसकी कमी के कारण स्नायु तंत्रों में कमज़ोरी, शरीर में खून बनाने वाली कोशिकाओं में कमी (एनीमिया) एवं उम्र के मुताबिक मस्तिष्क के विकास में बाधा उत्पन्न करता है।
प्राकृतिक रूप में मिलने वाले खाद्य पदार्थों में विटामिन की रहती हैं प्रचुर मात्रा :
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में विटामिन बी-12 एवं डी- 3 की प्रचुर मात्रा होती है। जिसके नियमित सेवन से इसकी कमी को दूर किया जा सकता है। हालांकि मछली, मीट, मुर्गा, अंडा, दूध एवं दूध से बने खाद्द पदार्थों में विटामिन बी-12 अधिक मात्रा में पाया जाता है। सूर्य की पहली किरण विटामिन डी-3 का सर्वेश्रेष्ट प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। बेहद कम खाद्य पदार्थ हैं जिनमें विटामिन डी-3 की प्रचुरता होती है। पनीर, अंडे एवं संतरे के जूस में विटामिन डी-3 की थोड़ी ज्यादा मात्रा पाई जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *