Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
देश

सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की जानकारी

  • कार्यक्रम में केयर इंडिया द्वारा जीएनएम, एएनएम, ममता सहित सफाई कर्मियों को दी गयी ट्रेनिंग
  • कर्मियों को लाल, पीला, नीला और काला डिब्बा के उपयोग के बारे में दी गई जानकारी

मुंगेर, 26 नवंबर । सदर अस्पताल स्थित प्रसूति वार्ड में शुक्रवार को केयर इंडिया की टीम के द्वारा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की जानकारी दी गई। इस अवसर पर केयर इंडिया मुंगेर की डीटीओ ऑफ डॉ. नीलू और उनकी टीम ने प्रसूति वार्ड में उपस्थित सभी जीएनएम, एएनएम, ममता कार्यकर्ता, सफाई कर्मी और सुरक्षा कर्मियों को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के कचरा को जमा करने के लिए अलग-अलग लाल, काला, नीला और पीला रंग के कचरा के डब्बे में जमा किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कचरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किस रंग के डब्बे में किस प्रकार का कचरा जमा करना है ताकि सफाई कर्मियों को कचरा साफ करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नही हो।
स्वास्थ्य कर्मियों को सम्बोधित करते हुए केयर इंडिया मुंगेर की डीटीओ ऑफ डॉ. नीलू ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सभी स्वास्थ्य कर्मियों खासकर जीएनएम और एएनएम को विशेष तौर पर अस्पतालों में किस तरह से जैव चिकित्सकीय कचरों का प्रबंधन करना है इस संबंध में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही इससे जुड़ी तमाम तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया।
उन्होंने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट के कलेक्शन के लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। विभिन्न हॉस्पिटलों में बायो मेडिकल कलेक्शन के बन जाने से एक ही स्थान से पूरे हास्पिटल का कचरा इक्कठा किया जाता है। इससे लोगों में इन्फेक्शन के फैलने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर में काम करने के दौरान बचे बायो मेडिकल वेस्ट प्रोडक्ट का सही तरीके से प्रबंधन करना अति आवश्यक है ताकि इस कचरे से कोई भी संक्रमण का शिकार न हो।

बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत चार अलग- अलग रंग के डस्टबिन में करना है जैविक चिकित्सकीय कचरे का संग्रहण :
डॉ. नीलू ने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत अलग -अलग रंग के डस्टबिन में अलग -अलग जैविक चिकित्सकीय कचरे को जमा करना है।
पीला डस्टबिन – मानव शरीर का खून से सना आंतरिक भाग जो ऑपरेशन के दौरान निकलता है। इसके साथ ही बैंडेज, कॉटन अन्य सभी वेस्ट प्रोडक्ट जिसको जलाया या भस्मीकरण किया जा सके।
लाल डस्टबिन : माइक्रो बायोलॉजिकल या माइक्रो
टेक्नीकल पदार्थ जैसे लचीला ग्लब्स, कैथेटर, सिरिंज या रिसाइकल होने वाले सभी प्लास्टिक से बने पदार्थ ।

नीला / उजला डस्टबिन : सभी तरह के शीशा से बोतल और टूटे ग्लास का हिस्सा । इसके साथ ही डिस्करडेड मेडिसिन्स और कठोर प्लास्टिक।

काला डस्टबिन : बिना सिरिंज का निडील, ब्लेड्स और धातु से बने सभी प्रकार के वेस्ट प्रोडक्ट ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *