सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ़ आवाज बुलंद करने वाले हुए सम्मनित
• ‘सहयोगी’ संस्था द्वारा दिया गया सम्मान
• संतुलित विकास के लिए महिला-पुरुष में समानता आवश्यक शर्त
पटना/11,जून : शनिवार को सहयोगी संस्था द्वारा सरकारी पंचायत भवन, सिमरी, बिहटा में सकारात्मक पहलकर्त्ताओं का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें लगभग 160 प्रतिभागियों ने भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान समाज में प्रचलित कुरीति के रूप में व्याप्त जेंडर आधारित भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने हेतु किये जाने वाले प्रयासों को सराहा गया. साथ ही उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं अन्य प्रतिभागियों को जागरूक एवं संवेदनशील बनाने का प्रयास किया गया.
पाँच लोगों को किया गया सम्मानित :
कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ़ आवाज बुलंद करने वाले पाँच लोगों को सम्मानित किया गया. इन्होंने जेंडर भेदभाव एवं हिंसा को नकारते हुए अपने परिवार में सभी को समान अधिकार देने की पहल की. सम्मानित लोगों ने कहा कि जब वे ऐसे प्रयास कर रहे थे, तब उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इन कार्यों के लिए कभी सम्मानित किया जायेगा. यद्यपि उन्हें अपने घर में उनके प्रयासों के लिए विरोध भी सहना पड़ा. अब वे दुगुने उत्साह के इस दिशा में कार्य करेंगे.
समाज के सर्वांगीण विकास के लिए लिंग आधारित भेद-भाव को खत्म करना जरुरी:
इस अवसर पर सहयोगी की कार्यक्रम निदेशिका रजनी ने बताया कि जिन्होंने परिवार, समाज की परवाह किये बिना जेंडर आधारित भेदभाव एवं हिंसा को नकारते हुए अपने घर एवं परिवार से सकारात्मक शुरुआत की उन्हें सम्मनित किया गया है. लड़कियों-महिलाओं के क्षमतावर्द्धन करने में परिवार के अभिभावकों-पुरुषों का योगदान आवश्यक है. समाज में महिलाओं के बढ़ते कदम में घर-परिवार के पुरुषों की भागीदारी को देखकर अन्य लोगों का भी मनोबल बढ़ेगा एवं उनमें एक सोच बनेगी कि उनके घर की लडकियों-महिलाओं की प्रगति में योगदान करना उनकी जिम्मेवारी है.
रजनी ने बताया कि घर-समाज के सर्वांगीण विकास के लिए लड़कियों-महिलाओं का विकसित होना अत्यन्त अनिवार्य है. उनके समुचित पोषण, शिक्षण, स्वास्थ्य को सुनिश्चित करके ही हम सही मायने में विकास कर सकेंगे. उनकी उपेक्षा करने से हमारे विकास का सपना अधूरा ही रहेगा. हमें अपने घर-परिवार से ही समान अवसर एवं अधिकार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करने होंगे. इसके लिए समाज के पुरुषों के सहयोग की भी आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा कि यह देखा गया है कि जिस घर में लड़कियों-महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार-अवसर मिलते हैं, उन घरों में लड़के-लड़कियों का व्यक्तित्व विकास बेहतर होता है. वे भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक संतुलित एवं सफल होते हैं.
महिला एवं पुरुष की समान भागीदारी जरुरी:
कार्यक्रम में पंचायत के मुखिया श्री ओम प्रकाश ने कहा कि हमारी यह कोशिश रहती है कि लडकियाँ तथा महिलाएँ जागरूक हों एवं अपने अधिकार को समझें. उन्होंने सहयोगी के द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से महिलाओं-पुरुषों में जागरूकता आएगी.
सरपंच श्री ज्योतिष कुमार ने कहा कि घर-परिवार सँभालने में महिला-पुरुष दोनों की भागीदारी होगी तो बच्चे सही तरीके से सीखेंगे, लेकिन हमारे यहाँ बच्चों की जिम्मेवारी महिलाओं पर छोड़ दी जाती है. हमें यह सोच बदलनी होगी. इस अवसर पर ग्राम सचिव फौजिया नफीश, वार्ड सदस्या रूपा देवी भी शामिल थीं.
सिमरी के सरकारी पंचायत भवन में ऐसे लोगों को चिन्हित कर सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया सहयोगी से इस अवसर पर कार्यक्रम निदेशिका रजनी, उन्नति, उषा, रिंकी, बिंदु, निर्मला, लाजवंती, रूबी, प्रियंका, रितु, मनोज, धर्मेन्द्र, सुरेन्द्र कुमार उपस्थित रहे