सुरक्षित प्रसव एप और हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पर सीएचओ को दिया जाएगा प्रशिक्षण
– जूम एप के माध्यम से जिले सभी सीएचओ को ऑनलाइन दिया जाएगा प्रशिक्षण
– मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिए आवश्यक निर्देश
लखीसराय, 27 अप्रैल-
सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए शासन-प्रशासन हर स्तर पर गंभीर और सजग है। जिसे सुनिश्चित करने को हर जरूरी फैसले भी लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिले के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर तैनात नवनियुक्त सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) को सुरक्षित प्रसव एवं और हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन दिया जाएगा। जिसमें सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षित प्रसव एप संचालन की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण की सफलता को लेकर मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ सरिता ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जिसमें शत-प्रतिशत प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा है।
– शत-प्रतिशत प्रतिशत प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को लेकर दिए गए हैं निर्देश :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिले के सभी नवनियुक्त सीएचओ को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी प्रशिक्षित सीएचओ सुरक्षित प्रसव एप का बेहतर तरीके से संचालन कर सकें और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। वहीं, उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में शत-प्रतिशत प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जिसमें सभी को अपने-अपने स्तर से जरूरी पहल करने को कहा गया है।
– 28 अप्रैल को जिले के नवनियुक्त सीएचओ को दिया जाएगा प्रशिक्षण :
डीपीएम मोहम्मद खालिद हुसैन ने बताया, उक्त प्रशिक्षण तीन बैच में दिया जाएगा। जो 27 से 29 अप्रैल तक जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन दिया जाएगा। जिले के सीएचओ को 28 अप्रैल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शत-प्रतिशत प्रतिभागियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को लेकर सभी प्रतिभागी को प्रशिक्षण में शामिल होने को कहा गया है। वहीं, उन्होंने बताया, प्रशिक्षण की सफलता को लेकर जरूरी तैयारी की गई है। ताकि प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी प्रतिभागी सुविधाजनक तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।