Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मी लें शपथ- डॉ. बी.पी.राय - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
राज्य

स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मी लें शपथ- डॉ. बी.पी.राय

• विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष में राज्य स्वास्थ्य समिति और यूनिसेफ के तत्वावधान में वेबिनार का हुआ आयोजन
• जन्म के साथ स्तनपान है हर नवजात का हक- रवि नारायण पाढ़ी
• दिसंबर 2022 तक सभी सदर अस्पताल घोषित होंगे “बोतल मुक्त परिसर”.
पटना/ 2 अगस्त-

1 से 7 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. इस सप्ताह स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए सभी जगहों पर कई गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं. इसी क्रम में आज राज्य स्वास्थ्य समिति और यूनिसेफ के तत्वावधान में स्तनपान की महत्ता का सन्देश जनसमुदाय तक प्रसारित करने के उद्देश्य से वेबिनार का आयोजन किया गया. वेबिनार को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- शिशु स्वास्थ्य डॉ. बी.पी.राय ने बताया पिछले पांच वर्षों में राज्य में स्तनपान कराने का प्रतिशत घटा है जो कि चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि मंगलवार के दिन जिलों में आयोजित होने वाली सभी साप्ताहिक बैठकों में सभी स्वास्थ्यकर्मी स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए शपथ लेंगे और हर संभव माध्यम से समुदाय को स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा आंकड़े बताते हैं कि जिन शिशुओं को जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता है उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33% अधिक होती है। उन शिशुओं के सापेक्ष जिनको जन्म के 1 घंटे के बाद 24 घंटे के पहले स्तनपान की शुरुआत कराई जाती है।
जन्म के साथ स्तनपान है हर नवजात का हक:
यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ रवि नारायण पाढ़ी ने बताया विभिन्न शोधों से यह साबित हो चुका है कि जन्म के साथ स्तनपान, 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान और उसके बाद दो वर्षों तक अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान करने वाले बच्चों का बुद्धिमत्ता का स्तर स्तनपान पूरी तरह से न किये हुए बच्चों के अपेक्षा अधिक होती है और आगे चलकर आय की क्षमता भी अधिक होती है. जन्म के साथ स्तनपान हर नवजात का हक है और इससे उन्हें वंचित करना किसी अपराध से कम नहीं है. 6 महीनो तक नवजात को सिर्फ स्तनपान कराना कुपोषण से लड़ने का सबसे सशक्त जरिया है. रवि नारायण पाढ़ी ने बताया स्तनपान के अलावा किसी महिला का मातृ एवं प्रजनन स्वास्थ्य उक्त महिला के पूरे परिवार की जिम्मेदारी है. जन्म के साथ कंगारू मदर केयर की शुरुआत करने से स्तनपान को बढ़ावा मिलता है.
स्वास्थ्य संस्थान में कराया जाएगा स्तनपान कक्ष का निर्माण :
बिमलेश सिन्हा, उप निदेशक, शिशु स्वास्थ्य ने बताया प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया जाना है। यह कक्ष उस संस्थान के ओपीडी के पास और कंगारू मदर केयर वार्ड के अतिरिक्त होगा। इसके साथ ही विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को छह महीने तक केवल स्तनपान कराने के महत्व के बारे में बताएंगी और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को वहां आने वाली सभी 2 वर्ष तक की माताओं से सेविका और आशा इस अभियान में उनसे जुड़ने के लिए कहेंगी। बिमलेश सिन्हा ने बताया दिसंबर 2022 तक सभी सदर अस्पताल “बोतल मुक्त परिसर” घोषित कर दिए जायेंगे.
दूध पिलाते समय मां को मास्क लगाना है बेहद जरुरी
यूनिसेफ के पोषण पदाधिकारी डॉ. शिवानी डार ने कहा कि दूध पिलाने से पहले स्तनों को स्वच्छ पानी से जरुर साफ़ करें. साथ ही स्वयं के हाथों को साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक साफ करें तथा स्तनपान से पूर्व मास्क का इस्तेमाल करें. यदि मां अपना दूध पिलाने में बिल्कुल समर्थ नहीं है तो उस दशा में परिवार के किसी सदस्य के सहयोग से मां के दूध को एक साफ कटोरी में निकालते हुए उसे चम्मच से पिलाया जा सकता है. लेकिन इससे पूर्व मां को अपने स्तन को साफ़ पानी से धोने और अपने हाथों को अच्छी तरह से सेनीटाइज करना जरूरी है। बोतल से दूध पिलाना हमेशा ही हानिकारक है। साथ ही बंद डब्बे का दूध को किसी भी स्थिति में नहीं पिलाने की सलाह दी गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *