एक एएनएम पर 10 हजार आबादी की रहती है जिम्मेदारी: सिविल सर्जन
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवनियुक्त एएनएम ने अपनी जिम्मेदारी को जाना
शहर के एक होटल में 4 दिनों तक नवनियुक्त एएनएम को मास्टर ट्रेनर ने दिया प्रशिक्षण
भागलपुर, 10 फरवरी
जिले के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवनियुक्त एएनएम को 4 दिनों तक शहर के एक होटल में प्रशिक्षित किया गया. इस दौरान उन्हें उनके काम के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही महत्वपूर्ण प्रशिक्षण भी दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह ने कहा कि 50,000 की आबादी पर एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होता है. एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच एएनएम होती हैं. इस हिसाब से एक एएनएम पर 10,000 लोगों की जिम्मेदारी होती है. इसलिए आपलोग अपने काम को अच्छी तरह से समझ लें, ताकि भविष्य में क्षेत्र में आपको काम करने में सहूलियत हो.
37 नवनियुक्त एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण:
कार्यक्रम में मौजूद क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरुण प्रकाश ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 37 नई एएनएम नियुक्त हुई हैं. इन लोगों को 4 दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान उन्हें समझाया गया कि क्षेत्र में किस तरह से काम करना है. कार्यक्रम में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुसैनाबाद के प्रभारी डॉ अजय कुमार झा मास्टर ट्रेनर के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने सभी एएनएम को उनका काम समझाया. कार्यक्रम में एएसीएमओ डॉ दीनानाथ ने नवनियुक्त एएनएम को क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के बारे में समझाया और उन्हें इससे निपटने के तरीके बताए.
नवनियुक्त एएनएम को टीकाकरण की बारीकियों को समझाया-
कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने नवनियुक्त एएनएम को टीकाकरण की बारीकियों को समझाया. उन्होंने एएनएम को टीकाकरण के महत्व को बताते हुए इसका क्रियान्वयन क्षेत्र में किस तरीके से करना है, इसकी भी जानकारी दी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने नवनियुक्त एएनएम को टीकाकरण के बाद कभी कभार होने वाली छोटी-मोटी समस्याओं से भी निपटने के तरीके बताए. उन्होंने बताया कि अगर कोई परेशानी होती है तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. उस वक्त उससे उबरने के बारे में सोचना चाहिए.
कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर डॉ अजय कुमार झा ने सभी एएनएम को टीवी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जांच के तरीके बताए. उन्होंने इसके शुरुआती लक्षण के बारे में जानकारी दी. डॉक्टर ने बताया कि अगर किस तरह के लक्षण दिखने के बाद वह मरीज संदिग्ध की श्रेणी में आ जाता है फिर उसकी जांच कराई जाती है. अगर जांच में रोग की पुष्टि हो गई तो फिर उसका इलाज किया जाता है. अन्यथा उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
आशा कार्यकर्ता से कैसे समन्वय बनाना है, इसकी भी जानकारी दी गई: प्रशिक्षण के दौरान आशा के प्रमंडलीय समन्वयक कुणाल कुमार ने नवनियुक्त एएनएम को आशा के दायित्व के बारे में समझाया. कुणाल कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में किस तरह से काम करती हैं और उनसे आपको किस तरह का सहयोग मिलेगा. साथ ही आप उन्हें कैसे गाइड करेंगे. वहीं जपाइगो के रवि श्रीवास्तव ने एएनएम को परिवार नियोजन को लेकर स्थाई एवं अस्थाई संसाधनों के बारे में प्रशिक्षण दिया. इस दौरान सभी एएनएम को खून, यूरिन, बीपी, शुगर एवं अन्य तरह की जांच की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद मसूद आलम मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे