newspoliticspoliticspoliticsदिल्लीनरेंदर मोदीनरेंदर मोदीराज्य

आतिशी ने जल संकट को लेकर प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

 21 जून तक दिल्ली के लोगों को उनके हक का पानी नहीं मिला तो मैं सत्याग्रह करने को मजबूर’, आतिशी

दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली के लोगों को पानी दिलवाने का आग्रह किया गया है। यदि 21 जून तक दिल्लीवालों को उनके हक का पानी नहीं मिलता है तो वह सत्याग्रह करने को मजबूर हो जाएंगी। 21 जून से वह अनिश्चितकालीन अनशन करेंगी

इन दिनों भीषण लू व गर्मी की स्थिति है। इस मौसम में पानी की जरूरत प्रत्येक व्यक्ति की बढ़ जाती है, परंतु दिल्ली में पानी की कमी हो रही है। दिल्ली में पर्याप्त पानी नहीं है। लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

 

प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, “दिल्ली की क्षमता 1050 एमजीडी पानी की क्षमता है। इसमें से 613 एमजीडी हरियाणा से यमुना नदी में आता है। 18 जून को हरियाणा से 513 एमजीडी पानी कम आया। इस तरह से 100 एमजीडी पानी की कमी है। एक एमजीडी से 28500लोगों को पानी मिलता।

28 लाख लोगों पानी के बिना है परेशान

जल मंत्री ने कहा, “इस तरह से हरियाणा से 28 लाख लोगों के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इस कारण दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं। इनकी परेशानी दूर करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की गई। वह पानी देने को तैयार हैं। हिमाचल का पानी हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेगा। हरियाणा वह पानी देने को भी तैयार नहीं है।

केजरीवाल सरकार ने बताई दिल्ली में क्यों गहराया पानी का संकट?

उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट जाकर 100 एमजीडी पानी के लिए गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में जल संकट को स्वीकार किया है। इसके बावजूद हरियाणा पानी नहीं दे रहा है। आम आदमी पार्टी के विधायक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिलने गए परंतु वह नहीं मिले। मंगलवार को दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी हरियाणा सरकार से मिलकर दिल्ली के लोगों के लिए पानी मांगने गए, लेकिन हरियाणा तैयार नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, “दिल्ली में तीन करोड़ लोग रहते हैं। इसके लिए दिल्ली को 1050 एमजीडी पानी आवंटित किया गया है। हरियाणा में भी तीन करोड़ लोग रहते हैं और उसे 6050 एमजीडी पानी आवंटित है। यदि वह एक सौ एमजीडी पानी दिल्ली को देता है तो वह उसके कुल आवंटन का लगभग डेढ़ प्रतिशत है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *