अच्छी पहल • स्वास्थ्य संस्थानों में साउंड बाॅक्स के माध्यम से फाइलेरिया और कालाजार के लक्षणों की मिल रही जानकारी
– स्वास्थ्य संस्थानों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगाया गया है साउंड बाॅक्स
– कालाजार और फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
खगड़िया, 31 मई-
कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग विभाग काफी गंभीर है। इसको लेकर जिले में लगातार तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए साउंड बाॅक्स से उक्त दोनों बीमारियों के लक्षणों की जानकारी देने की नई पहल शुरू की गई है। जिसे सुनिश्चित करने को लेकर को सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार्जेबल साउंड बाॅक्स लगाया गया है। इसे स्वास्थ्य संस्थानों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगाया गया है। जिसके माध्यम से इलाज कराने के लिए अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को कालाजार और फाइलेरिया के लक्षणों की जानकारी दी जा रही है। ताकि उक्त दोनों बीमारियों के लक्षणों की जानकारी सामुदायिक स्तर पर लोगों को मिल सके और संबंधित मरीज अपना ससमय जाँच और इलाज करा सके।
– साउंड बाॅक्स की धुन से लोगों को आसानी के साथ मिल रही है लक्षण की जानकारी :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया सामुदायिक स्तर पर लोगों को सुविधाजनक तरीके से कालाजार और फाइलेरिया के लक्षणों की जानकारी देने के उद्देश्य से जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में साउंड बाॅक्स लगाया गया है। जिसके धुन के माध्यम से इलाज के लिए अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को आसानी के साथ उक्त दोनों बीमारियों के लक्षणों की जानकारी मिल रही है। साथ ही लक्षण से पीड़ित व्यक्ति के लिए इलाज की कहां व्यवस्था है,इसकी तमाम जानकारियाँ भी दी जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, कालाजार और फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। इसी उद्देश्य से साउंड बॉक्स के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– साउंड बाॅक्स ऑपरेट करने की डेटा ऑपरेटर को दी गई जिम्मेदारी :
केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती ने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगाए गए साउंड बाॅक्स को ऑपरेट करने की जिम्मेदारी डेटा ऑपरेटर को दी गई है। साउंड बॉक्स के माध्यम से अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को सुविधाजनक तरीके से कालाजार और फाइलेरिया के लक्षण की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी लोगों को कालाजार और फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है । संक्रमित व्यक्तियों को इलाज कराने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
– ये हैं कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– जानें, फाइलेरिया क्या है ?
– फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
– किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
– फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाइड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
– किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।