गोदभराई उत्सव • आंगनबाड़ी केंद्रों पर उचित पोषण की दी गई जानकारी
– नियमित और कोविड टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक
– जिले के सभी प्रखंडों में उत्सवी माहौल में मनायी गयी गोदभराई, स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर किया गया जागरूक
खगड़िया, 07 जून-
मंगलवार को पूर्व से निर्धारित तिथि के अनुसार जिले के सभी प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर उत्सवी माहौल में गोदभराई उत्सव मनाया गया। जिसके दौरान लाभार्थियों को पोषण से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर जागरूक किया गया। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भी भेंट की गयी। जिसमें सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण की बेहद जरूरी :
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीता कुमारी ने बताया, गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ाकर और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। साथ ही गर्भवतियों की गोद में पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, दाल सेवन करने का तरीका बताया गया। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गई। जिसमें बताया गया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। वहीं, उन्होंने बताया, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है।
– नियमित और कोविड टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक :
आईसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, गोदभराई उत्सव कार्यक्रम के दौरान मौजूद लाभार्थियों को नियमित टीकाकरण कराने को लेकर भी जागरूक किया गया और नियमित टीकाकरण के महत्व एवं होने वाले फायदे की जानकारी भी दी गई। साथ ही कोविड के संभावित चौथे लहर से सुरक्षा के मद्देनजर वैक्सीनेशन कराने को लेकर भी जागरूक किया गया। इसके अलावा मौजूद लाभार्थियों को बताया गया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए आदि जानकारी दी गई।
– पोषण ट्रैकर एप की सेविकाओं को दी गई जानकारी :
पोषण ट्रैकर एप संचालन सुनिश्चित करने को लेकर खगड़िया सदर प्रखंड के कोठिया पंचायत की सेविकाओं के साथ-साथ एक सेक्टर मीटिंग की गई। जिसमें जिला समन्वयक अंबुज कुमार द्वारा मौजूद सभी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। जिसके दौरान उन्होंने मौजूद सेविकाओं को बताया, राज्य सरकार द्वारा आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत निगरानी के साथ ही मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया को अपग्रेड किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर के नाम से एक ऑनलाइन एप विकसित किया है। इसके माध्यम से जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में आसानी होगी। ऑगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए अब इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी की जा रही है ताकि आईसीडीएस के स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन को और अधिक सुविधाजनक और सरल बनाया जा सके।