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अग्निपथ योजना को लेकर हंगामा भले ही शांत हो चुका हो, लेकिन सियासत अभी भी जारी है

अब इस योजना को लेकर नए विवाद ने जन्म ले लिया है। ताजा विवाद आवेदकों से जाति और धर्म प्रमाणपत्र मांगे जाने को लेकर है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस पर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने दावा किया है कि भारत के इतिहास में पहली बार ‘सेना भर्ती’ में जाति पूछी जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, आपको ‘अग्निवीर बनाना है या जातिवीर?’संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर सेना बहाली के जुड़ा एक स्क्रीन शॉट शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, “मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर?”इससे पहले बिहार जदयू नेता व संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए थे और  उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में ही हुआ था। मोदी सरकार ने हाल ही में इस योजना का ऐलान किया था। इसके तहत चार साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जानी है। इसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थाई काडर में भर्ती किया जाएगा। वहीं 75 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा निधि लेकर सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। इस स्कीम की घोषणा के बाद बिहार में युवाओं ने आगजनी की थी।

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