मोदी-योगी पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र से करेंगे लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद, तय होगी 16 सीटों की रणनीति
मिशन- 2024 के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी पूर्वांचल की जनता को आज गोरखपुर से साधेंगे।
पीएम-सीएम की जोड़ी डबल इंजन की सरकार का प्रतीक बन चुकी है। इस जोड़ी की पूर्वांचल की जनता में जबरदस्त लोकप्रियता है। इसे भनाने के लिए भाजपा तैयार है। पीएम-सीएम 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गीताप्रेस और वंदे भारत के बहाने जनता को साधेंगे।मोदी और योगी की जोड़ी उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत का शुभंकर बन चुकी है। पिछले दो लोकसभा व विधानसभा चुनाव इसका प्रमाण है। इन दोनों नेताओं की लोकप्रियता से लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के जरिये भाजपा ने लगातार दो बार केंद्र में सरकार बनाई तो विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार मिली शानदार जीत की वजह भी यही जोड़ी बनी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गीताप्रेस और वंदे भारत के बहाने यह जोड़ी एक बार फिर पूर्वांचल की राजनीति के केंद्र गोरखपुर में होगी।
डबल इंजन की सरकार का प्रतीक बन चुकी है PM-CM की जोड़ी
डबल इंजन की सरकार का प्रतीक बन चुकी यह जोड़ी मिशन-2024 के लिए पूर्वांचल की जनता को साधेगी। स्वागत के बहाने ही सही, भाजपा भी चुनाव के लिए जोड़ी की लोकप्रियता को भुनाने के लिए पूरी तैयारी में है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकप्रियता के नजरिये से मोदी और योगी का नाम साथ लेने की एक नहीं कई वजहें हैं और यही वजहें पूर्वांचल ही नहीं प्रदेश भर में भाजपा को वोट मिलने की भी हैं। योगी की पहचान एक तपस्वी के रूप में है और मोदी को भी भाजपा समय-समय पर तपस्वी बताने से नहीं चूकती।
अपनी छवि को ऐसे बरकरार रखते हैं सीएम योगी
गोरक्षपीठाधीश्वर के तौर पर योगी गोरखनाथ मंदिर में समय-समय से होने वाले आध्यात्मिक आयोजनों के प्रति प्रतिबद्धता से अपनी इस छवि को बरकरार रखते हैं तो योग दिवस और केदारनाथ धाम की यात्रा के जरिये मोदी का तपस्वी रूप समय-समय पर दिखता है। राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों की बात करें तो कानून व्यवस्था व विकास को लेकर मोदी का गुजरात माडल यदि देश के अन्य राज्यों का रोल माडल बना तो योगी का उत्तर प्रदेश माडल भी आज की तारीख में लोकप्रियता के चरम पर है।
पीएम-सीएम की जोड़ी का है जबरदस्त लोकप्रियता
भाजपा का शायद ही कोई ऐसा राजनीतिक मंच होगा, जब इन दोनों माडलों या इनमें से किसी एक माडल की चर्चा करने से भाजपा नेता चूकते हों। राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्धता में भी दोनों नेताओं का नाम साथ-साथ लिया जाता है। ऐसे में साफ है कि विचारों और लक्ष्यों की साम्यता जनता में उनकी लोकप्रियता की वजह तो है ही, प्रदेश में बीते एक दशक से भाजपा का परचम लहराने की वजह भी है।
एक साथ दिखेगी ट्रिपल इंजन सरकार
ट्रिपल इंजन की बात तो भाजपा में खूब होती है, लेकिन तीनों की एक साथ मौजूदगी कम ही हो पाती है। पीएम मोदी के गोरखपुर आगमन से लोग इस फार्मूले का मूर्त रूप देखेंगे। ट्रिपल इंजन के प्रतीक मोदी, योगी और महापौर व जिपं अध्यक्ष की मौजूदगी से भाजपा लोस चुनाव में अपनी जीत की अपरिहार्यता जनता को बताने की कोशिश करेगी।