Parliament Monsoon Session: खरगे से मिले विपक्षी दल के नेता, मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार करने पर हुई चर्चा
बैठक में नेताओं ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाने और राज्य की स्थिति पर चर्चा की मांग करने का फैसला किया।
अपने गठबंधन INDIA के गठन के बाद विपक्षी दलों की यह पहली बैठक थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मणिपुर पर चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में स्थगन नोटिस दिया है और सरकार से जवाब मांगा है। संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो गया। मानसून सत्र को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश होने हैं। इसी बीची कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए संसद परिसर में मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
मानसून सत्र को लेकर हुई चर्चा
बैठक में नेताओं ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाने और राज्य की स्थिति पर चर्चा की मांग करने का फैसला किया। अपने गठबंधन ‘INDIA’ के गठन के बाद विपक्षी दलों की यह पहली बैठक थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मणिपुर पर चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में स्थगन नोटिस दिया है और सरकार से जवाब मांगा है।
संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाने पर सहमति
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने इस मामले पर स्थगन नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि लगभग 80 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न तो राज्य का दौरा किया है और न ही वहां की स्थिति पर एक शब्द भी बोला है।
खरगे ने मणिपुर की स्थिति पर कहा
हम मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे और मैंने इस मुद्दे को उठाने के लिए राज्यसभा में नोटिस भी दिया है। हम देखेंगे कि हमारे सभापति हमें इसे उठाने की अनुमति देते हैं या नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके (पीएम) पास फ्रांस और अमेरिका का दौरा करने का समय है। उनके पास 38 दलों (एनडीए बैठक) को बुलाने का समय है, लेकिन उनके पास मणिपुर जाने का समय नहीं है, जबकि उनके पास सभी संसाधन मौजूद हैं।
मणिपुर हिंसा पर विपक्ष पूछ रहा सवाल
बता दें कि तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से विपक्षी दल लगातार मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहा है।
इधर, मानसून सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा कि मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने की कथित घटना से 140 करोड़ भारतीय शर्मसार हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।