भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका, फिर कार को घेरा; स्कॉटलैंड में खालिस्तानी समर्थकों की कारनामे
कनाडा और भारत तनाव ( India Canada Row ) के बीच स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक गुरुद्वारे में यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को प्रवेश करने से रोक दिया। सिख यूथ यूके के इंस्टाग्राम चैनल पर एक वीडियो पोस्ट की गई है जिसमें कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक एक व्यक्ति को अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे में प्रवेश करने से दोरईस्वामी को रोकते हुए देखा जा सकता है।
असल, यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को 29 सितंबर को ग्लासगो में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने बहस में पड़ने के बजाय वहां से चले जाने का फैसला किया। इस मुद्दे को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष भी उठाया गया है।
‘सिख यूथ यूके’ का दावा
वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि एक व्यक्ति कह रहा है कि ‘कनाडा और अन्य स्थानों में सिखों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, प्रत्येक सिख को किसी भी भारतीय राजदूत के खिलाफ विरोध करना चाहिए जैसा कि हमने यहां ग्लासगो में आज किया।’
‘सिख यूथ यूके’ का दावा है कि भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक तौर पर गुरुद्वारे में जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वीडियो के मुताबिक, पार्किंग में उच्चायुक्त की कार के पास दो लोग खड़े हुए है और उनमें से एक को कार का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा है। कथित वीडियो में उच्चायुक्त की कार को गुरुद्वारा परिसर से निकलते देखा गया।
खालिस्तानी समर्थक की खुली चुनौती
वीडियो में एक अन्य व्यक्ति कैमरे पर बोल रहा है कि गुरुद्वारे में आने वाले किसी भी भारतीय राजदूत या किसी भी भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाएगा। खालिस्तानी समर्थक ने वीडियो में कहा कि ‘हम जानते हैं कि वे कौन से खेल खेल रहे हैं, कनाडा में क्या हो रहा है। कनाडाई पीएम ने खुले तौर पर भारत की निंदा की है और भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।’
क्या है पूरा मामला?
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक एक कार्यकर्ता ने बताया की भारतीय उच्चायुक्त को अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा की गुरुद्वारा समिति के साथ बैठक करनी थी। कुछ लोगों ने उनका स्वागत नहीं किया और वह वहां से चले गए। इस बीच हल्की नोकझोंक हुई। खालिस्तान समर्थक ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा कमेटी बहुत खुश है, लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है।’
‘ब्रिटेन-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं…’
खालिस्तान समर्थक ने कहा, ‘हम ब्रिटेन-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं।’ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। इसका संबंध अवतार सिंह खंडा और जगतार सिंह जोहल से भी है।’