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Dr. Premchand Anand used to reach for a call on the call of Kovid-19
राज्य

कोविड-19 के दौर में एक कॉल पर जाँच के लिए पहुँच जाते थे डॉ प्रेमचंद आनंद

  • लखीसराय पीएचसी में हैं आयुष चिकित्सक के पद पर तैनात
  • मोबाइल मेडिकल यूनिट के तहत लोगों को देते थे चिकित्सा सेवा

लखीसराय, 30 अक्टूबर, 2020
कोविड-19 के दौर में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्वास्थ्य विभाग की रही है। चिकित्सक समेत सभी स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड-19 संक्रमण पर रोकथाम लोगों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सेवा देने में अग्रसर रहें हैं। ऐसे चिकित्सकों में ही डॉ प्रेमचंद आनंद का नाम शामिल है। जो लखीसराय पीएचसी में आयुष चिकित्सक के पद पर तैनात हैं। डॉ प्रेमचंद वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में मोबाइल मेडिकल यूनिट के रूप में लोगों को बेहतर सुविधा दे चुके हैं। ये ना सिर्फ पीएचसी में लोगों को बेहतर सुविधा दिए हैं, बल्कि एक कॉल पर पीएचसी क्षेत्र अंतर्गत स्थित गाँव में पहुँच जाते थे। जहाँ लोगों का कोविड-19 जाँच के साथ-साथ बचाव को लेकर भी आवश्यक जानकारी देते थे।

कोविड-19 पर रोकथाम ही मेरा पहला कर्तव्य :-
डॉ प्रेमचंद आनंद ने बताया कि कोविड-19 के दौर में वाकई स्थिति काफी विषम थी। पूरा समाज के भयभीत था। मुझे भी शुरूआती दौर में भय लगता था। किन्तु, मेरे उपर जो जिम्मेदारियां थी उसे भी पूरा करना था। कोविड-19 पर रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना मेरा पहला कर्तव्य था। इसी सोच ने मन के भय को दूर किया और फिर कोविड-19 पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अपने स्तर के होने वाले कार्य को सतर्कता के साथ पूरा किया। उन्होंने बताया सामुदायिक स्तर पर लोगों को कोविड-19 के खतरे बचाना ही उन्होंने अपना पहला कर्तव्य समझा। शायद, यही सोच ने उनके अंदर एक नई उर्जा उत्पन्न की और फोन आते ही वह लोगों की जाँच के लिए क्षेत्र चले जाते थे। ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का एहसास हो और कोविड-19 पर रोकथाम लग सकें।

शहर से लेकर गाँव तक के लोगों का किया जाँच :-
डॉ प्रेमचंद आनंद ना सिर्फ गाँव के लोगों का कोविड-19 जाँच की। बल्कि, शहर के लोगों का भी जाँच किया और कोविड-19 से बचाव के लिए जागरूक किया। यानी जहाँ से उन्हें फोन आते थे वह वहाँ तुरंत लोगों को जाँच करने के लिए हाजिर हो जाते थे। इस दौरान उन्होंने खुद के साथ-साथ लोगों का भी सुरक्षा ख्याल रखा।

जिम्मेदारी के साथ-साथ सतर्कता और सावधानी का भी रखा ख्याल :-
डॉ प्रेमचंद आनंद बताते हैं, अपनी जिम्मेदारी निभाने के दौरान कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर नजर सतर्कता और सावधानी का भी विशेष ख्याल रखा। इसके लिए वह मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग किए और हमेशा शारीरिक-दूरी का पालन करते थे जिसके कारण आज भी वह संक्रमण के दायरे से दूर हैं तथा वह लोगों को भी इसको अपनाने को प्रोत्साहित करते थे।

जाँच के साथ-साथ लोगों को बचाव को लेकर भी किए जागरूक :-
डॉ प्रेमचंद आनंद लोगों का ना सिर्फ कोविड-19 जाँच करना ही अपना कर्तव्य समझा। बल्कि इससे भी दो कदम आगे बढ़कर कोविड-19 से बचाव के लिए भी लोगों को आवश्यक जानकारी देकर जागरूक किया। साथ ही लोगों से अपील करते हुए गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रेरित भी किया। वह लोगों को बताते थे कि संक्रमण के बचाव के यही तीन मूल मंत्र हैं, जिन्हें अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है।

  • इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
  • मास्क और सेनेटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
  • आवश्यकतानुसार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।
  • हमेशा शारीरिक-दूरी का पालन करें।
  • भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
  • ऑख, नाक, मुँह छूने से बचें।
  • खुद के साथ दूसरों का भी सुरक्षा का ख्याल रखें।
  • सेनेटाइजर साथ लेकर घर से निकलें।
  • साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

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