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केयर इंडिया के कर्मियों की पहल से बची एक नवजात की जान

  • जन्म के बाद नवजात नहीं कर पा रहा था स्तनपान, बर्थ एस्फिक्सिया से था पीड़ित
  • केयर इंडिया के कर्मियों ने दी समुचित और सही इलाज की जानकारी
  • सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नवजात को मिला समुचित इलाज, हुआ स्वस्थ

खगड़िया-

केयर इंडिया के कर्मियों की पहल से जन्म के पश्चात ही शारीरिक पीड़ा से पीड़ित नवजात की सही और समुचित इलाज के लिए आस संजोएं माता को ना सिर्फ समुचित और सही इलाज की जानकारी मिली, बल्कि नवजात को नई जिंदगी भी मिली। मामला खगड़िया जिले के मानसी स्वास्थ्य केंद्र का है। जहाँ इसी प्रखंड के बख्तियारपुर ठाठा निवासी फूलचन सिंह की पत्नी फूलन देवी शारीरिक पीड़ा से पीड़ित अपने नवजात को गोद में लेकर समुचित और सही इलाज की आस संजोएं बैठी थी। इसी दौरान अचानक इसी पीएचसी में केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक साक्षी कृति का आना हुआ। इन्होंने महिला को देखते हुए उनसे पूरे मामले की जानकारी ली और नवजात को सही और समुचित इलाज के लिए पीएचसी से सदर अस्पताल खगड़िया रेफर करवाया । जहाँ अपनी देखरेख में नवजात का समुचित इलाज करवाया। जिसके बाद नवजात पूरी तरह स्वस्थ हुआ और दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली।

  • बर्थ एस्फिक्सिया से पीड़ित था नवजात :-
    वहीं, केयर इंडिया की प्रखंड प्रबंधक साक्षी कृति ने बताया कि जब मैं पीएचसी पहुँची तो वहाँ यह महिला शारीरिक पीड़ा से पीड़ित अपने नवजात को गोद में लेकर बैठी थी। पूछने पर उन्होंने बताया कि मुझे प्रसव होने का चार घंटा हो गया किन्तु, मेरा बच्चा दूध नहीं पी रहा है और ना ही रो रहा है। अब मैं क्या करूँ कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। इसके बाद मैंने ड्यूटी पर तैनात एएनएम से नवजात के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि नवजात बर्थ एस्फिक्सिया से पीड़ित है। जिसका इलाज यहाँ संभव नहीं है और समय पर इलाज नहीं हुआ तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसके बाद नवजात को पीएचसी से सदर अस्पताल खगड़िया रेफर करवाया गया । जहाँ नवजात को दो दिन तक एसएनसीयू में रखा गया। इस दौरान सही और समुचित इलाज से नवजात पूरी तरह स्वस्थ हुआ और दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसमें केयर इंडिया के सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयक दीपक कुमार विद्यार्थी का भी काफी सहयोग मिला।
  • केयर इंडिया के कर्मियों की पहल से बची मेरे बच्चे की जान :-
    वहीं, पीड़ित नवजात की माँ फूलन देवी ने बताया कि केयर इंडिया के कर्मियों की पहल से ही मेरे बच्चे की जान बची। दरअसल, मुझे न ही पता था और न ही विश्वास था कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में भी इस तरह की व्यवस्था है। इसके अलावा ना ही मेरे पास पर्याप्त पैसा था जो मैं अपने नवजात का निजी क्लीनिक में इलाज करवा सकती थी। क्योंकि, मेरा मेरे परिवार रोज कमाने और खाने वाला परिवार है। इसलिए, मरता क्या नहीं करता जैसे-जैसे केयर इंडिया की दीदी ने बताया ई वैसे-वैसे अपने बच्चे का इलाज करवाई। जिससे मेरा बच्चा स्वस्थ हुआ। अब किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। मैं इसके लिए केयर इंडिया की पूरी टीम की का शुक्रगुजार हूँ। साथ ही मैं अन्य लोगों से भी अपील करती ता हूँ कि किसी प्रकार की परेशानी होने पर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही इलाज करवाएं। यहाँ मुफ्त में सही और समुचित इलाज किया जाता है। इस दौरान किसी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत केयर इंडिया के कर्मियों का भी सहयोग लें।
  • इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
  • साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
  • गर्म व ताजा खाना का सेवन करें।
  • बासी और बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
  • मास्क और सैनिटाइजर सेनेटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
  • साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।
  • शारीरिक दूरी का पालन करें।

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