विश्व स्तनपान सप्ताह: जिले में निकाली गई जागरूकता रथ और रैली
-नुक्कड़ नाटक आयोजित कर भी लोगों को किया गया जागरूक
- जिले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यक्रम का हुआ आयोजन, लोगों को स्तनपान के महत्व की दी गई जानकारी
- शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…नारे पर दिया गया बल
खगड़िया, 04 अगस्त-
जिले में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए 01 अगस्त से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में लगातार तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर इस सप्ताह समारोह को सफल बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में सप्ताह समारोह के चौथे दिन बुधवार को जिले के विभिन्न प्रखंडों में जागरूकता रथ व रैली निकाली गई तथा नुक्कड़ नाटक आयोजित कर लोगों को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी गई। इसे सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग, केयर इंडिया, आईसीडीएस समेत जिले के तमाम विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं| वहीं, सदर अस्पताल खगड़िया में रैली एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। रैली को डीडीसी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए जागरूक करते हुए स्तनपान के महत्व की विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर सीएस डॉ अजय कुमार सिंह, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक (डीएस) डाॅ योगेन्द्र नारायण प्रयसी, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद, डीटीओ-ऑन चंदन कुमार, डीटीओ-एफ हरे कृष्णा नायक, परिवार नियोजन के जिला समन्वयक राजेश पांडेय, प्रखंड प्रबंधक रेणुका कुमारी, समन्वयक उदय कुमार आदि मौजूद थे। वहीं, जिले के चौथम सीएचसी में भी जागरूकता रथ निकाला गया । जिसे सीएचसी प्रभारी डॉ अनिल कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विजय कुमार, केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक करण कुमार, समन्वयक श्रवण कुमार ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर सीएचसी परिसर से रवाना किया गया। जिसके माध्यम से पूरे क्षेत्र का भ्रमण कर समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्तनपान का संदेश पहुँचाया जाएगा इस दौरान शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…समेत अन्य नारे पर बल दिया गया।
- शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए छः माह तक सिर्फ सिर्फ माँ का दूध जरूरी :
डीडीसी (जिला उप विकास आयुक्त) अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा, शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध जरूरी है। इससे शिशु का ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता है बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलती है, जो संक्रामक बीमारी से बचाव करता है। इसलिए, सभी शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध पिलाएं। इसके बाद ही ऊपरी आहार देना शुरू करें। इसके अलावा पुरानी ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर जन्म के एक घंटे के अंदर ही बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर दें। माँ यह गाढ़ा-पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। - छः माह के बाद भी ऊपरी आहार के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी :
सदर अस्पताल खगड़िया के डीएस डाॅ योगेन्द्र नारायण प्रयसी ने बताया, शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तो सिर्फ माँ का दूध ही सेवन तो जरूरी है ही, इसके बाद भी कम से कम दो वर्षों तक ऊपरी आहार के साथ स्तनपान भी जरूरी है। तभी शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास और स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलेगी और संक्रामक रोग से भी दूर रहेगा। इसलिए, स्तनपान कराने वाली सभी माताओं को पुरानी ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर दो वर्षों तक अपने शिशु को स्तनपान कराना चाहिए। - इन मानकों का रखें ख्याल और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें एवं नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
- भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें और प्रोटोकॉल का ख्याल रखें।