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सुरक्षा प्रहरियों ने महाअभियान के तहत 61,836 लोगों को लगवाया कोरोना टीका

यूनिसेफ़ के ‘मिशन सुरक्षाग्रह: कोविड पर हल्ला बोल’ पहल से कोरोना टीकाकरण में तेज़ी

पटना-

बिहार सरकार के आह्वान पर आयोजित राज्यव्यापी कोरोना टीकाकरण महाभियान के तहत 22.50 लाख से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण कर बिहार ने रिकॉर्ड क़ायम किया. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 10 हज़ार से अधिक टीकाकरण केन्द्रों और लाखों स्वास्थ्यकर्मियों के ज़रिए बिहार ने देश भर में एक दिन में सबसे ज़्यादा टीकाकरण करनेवाले राज्य का गौरव भी हासिल किया.

इस कड़ी में यूनिसेफ़ द्वारा तीन एनजीओ भागीदारों के सहयोग से चलाए जा रहे ‘मिशन सुरक्षाग्रह: कोविड पर हल्ला बोल’ जागरूकता अभियान की भी बड़ी भूमिका रही है. इसके तहत छह बाढ़ग्रस्त ज़िलों – दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, पूर्णिया और मुज़फ्फ़रपुर के 14 प्रखंडों में मिशन सुरक्षाग्रह टीम के सक्रिय प्रयास से लगभग 62 हज़ार लोगों का टीकाकरण करवाया गया.

रंग लायी सुरक्षा प्रहरियों की सक्रियता
सुरक्षाग्रह के अंतर्गत यूनिसेफ़ द्वारा प्रशिक्षित किए गए 524 सुरक्षा प्रहरियों (कम्युनिटी मोबिलाइजर्स) द्वारा वैक्सीनेशन महाअभियान के बारे में प्रचार-प्रसार करने से लेकर टीकाकरण केंद्रों पर भारी संख्या में लाभार्थियों का आगमन सुनिश्चित करने से लेकर उनके पंजीकरण, पहचान पत्र संकलन व सत्यापन और लोगों के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाई गई. कुछ जगहों पर आवश्यकतानुसार लोगों की काउंसलिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन सत्र समाप्त होने के पश्चात सुरक्षा प्रहरियों ने डाटा एंट्री में भी सहयोग दिया.

दिव्यांगजनों, महिलाओं और दिहाड़ी मज़दूरों का रखा गया विशेष ध्यान
दिव्यांगजन सुगमतापूर्वक टीकाकरण केंद्र तक आ सकें, इसके लिए सुरक्षा प्रहरियों द्वारा विशेष ध्यान दिया गया. विशेष परिस्थितियों में कुछ दिव्यांगजनों के घर जाकर टीका दिलवाने का प्रबंध भी किया गया. दरभंगा और मधुबनी में क्रमशः 92 और 12 दिव्यांगजनों का टीकाकरण करवाया गया. मधुबनी ज़िला के बिस्फी ब्लाक के एक पैर से पोलियोग्रस्त मोहम्मद गयासुद्दीन टीका लेकर काफ़ी ख़ुश नज़र आए. उन्होंने सुरक्षा प्रहरियों की सराहना करते हुए कहा कि इनलोगों के प्रयास से न सिर्फ़ मैं बल्कि मेरे गाँव के सभी योग्य लाभार्थियों को इस महाअभियान की जानकारी मिली और हमने कोरोना को हराने के लिए टीका भी ले लिया.

इसी तरह, सुबह-सुबह अपने काम-काज पर निकलने वाले दिहाड़ी मज़दूरों को समय से लाइन में लगवाकर टीका दिलवाने का काम किया गया. इससे न उनके काम का नुकसान हुआ और न ही वे टीकाकरण से वंचित रहे. केवल मधुबनी में ही 357 दैनिक श्रमिकों को अहले सुबह मोबीलाइज़ कर उनका टीकाकरण संपन्न करवाया गया.

यूनिसेफ़ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़ ने महाअभियान की रिकॉर्ड सफलता पर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि कोविड महामारी को क़ाबू करने के लिए उचित जानकारी और जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है. चूँकि बाढ़ग्रस्त इलाकों में और भी ज़्यादा जोखिम है, इस लिहाज़ से यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है. हम सरकार के साथ मिलकर वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कोविड प्रोटोकॉल के विभिन्न पहलुओं पर सभी उम्र के लोगों को शिक्षित और जागरूक करने का भी लगातार काम कर रहे हैं.

क्या है मिशन सुरक्षाग्रह- कोविड पर हल्ला बोल?

सुरक्षाग्रह उन प्रमुख पहलों में से एक है जिसके माध्यम से छह बाढ़ प्रवण जिलों की लगभग 36 लाख आबादी को कोविड उपयुक्त व्यवहार और बाढ़ की तैयारियों के बारे में जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है. यूनिसेफ, ज़िला प्रशासन व स्वास्थ्य व अन्य विभागों के साथ मिलकर तीन एनजीओ – बिहार सेवा समिति, आगा ख़ान ग्राम समर्थन कार्यक्रम (भारत) और घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ के माध्यम से मई महीने से इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है.

खुद बची, सबको बचाओ अपील के साथ

यूनिसेफ़ द्वारा प्रशिक्षित मिशन सुरक्षाग्रह के 600 से अधिक कर्मियों व सुरक्षा प्रहरियों द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर
टीकाकरण और बाढ़ की तैयारी के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाने के अलावा समुदाय के लोगों को आपदा का बेहतर ढंग से सामना करने हेतु भी तैयार किया जा रहा है. बच्चों, महिलाओंऔर वंचित समूह की ज़रूरतों पर विशेष ध्यान दिलाया जाता है

सामुदायिक प्रेरक – सुरक्षा प्रहरी स्थानीय युवाओं-पुरुषों के अलावा बहुत सारी युवतियां और महिलाएं भी शामिल हैं. इलाक़े में अपनी अच्छी जान-पहचान और विश्वसनीयता की वजह से ये लोगों को ठीक से जागरूक कर पाते हैं. घर-घर जाकर जागरूक करने के अलावा लोगों को सार्वजनिक बैठक जैसे स्कूल, पंचायत, जीविका, धर्म-गुरु , बच्चों आदि की जाती है जिससे सबकी भागीदारी से कोविड और बाढ़ की आपदा से बचा जा सके और लोगों की ज़रूरी सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चहित हो

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