Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
देश

कोरोना काल की चुनौतियों को स्वास्थ्यकर्मियों ने अवसर में बदल डाला

-दिन-रात काम कर कोरोना जैसी गंभीर और नई बीमारी से लोगों को बचाया
-कोरोना काल के अनुभव अब दूसरी बीमारी से पीड़ित के इलाज में आ रहे काम

बांका-

डेढ़ साल पहले जब कोरोना जैसी गंभीर बीमारी का प्रसार शुरू हुआ था तो आमलोगों के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के सामने भी कई चुनौतियां थीं। बीमारी नई थी, इस वजह से इससे निपटने के ज्यादा तरीके लोगों को मालूम नहीं थे, लेकिन एक कहावत है न करने से क्या नहीं होता है। इसे स्वास्थ्यकर्मियों ने चरितार्थ कर दिया। शुरुआत में संसाधन भी कम थे, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की दिन-रात की मेहनत ने लोगों को तो कोरोना से बचाया ही, साथ ही उन्हें चुनौतियों को भी अवसर में बदलने का अनुभव प्राप्त हुआ। अब यह अनुभव न सिर्फ कोरोना से बचाव में, बल्कि दूसरी बीमारियों के इलाज में भी काम आ रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार महतो ने बताया कि कोरोना काल में जिले के सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने बेहतर काम किया। जांच से लेकर टीकाकरण में स्वास्थ्यकर्मियों ने बेहतर योगदान दिया। अभी भी कोरोना के मामले भले ही नहीं आ रहे हों, लेकिन वे लोग उसी जतन से काम कर रहे हैं जैसे कि पहली और दूसरी लहर के दौरान कर रहे थे। जिले में लगातार कोरोना जांच हो रही है। साथ ही प्रतिदिन टीकाकरण भी चलाया जा रहा है। इसके अलावा बीच-बीच में अभियान भी चलाया जाता है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी पूरी ताकत लगाकर काम कर रहे हैं। अभी त्यौहार के मौसम में बाहर से आने वाले लोगों की जांच से लेकर टीकाकरण में वह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
संसाधनों में हुई बढ़ोतरीः जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तो संसाधन भी सीमित थे, लेकिन आज जिले में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर हर तरह की व्यवस्था है। एंटीजन से लेकर आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू हो गया है। इससे न सिर्फ कोरोना के मरीज, बल्कि अन्य बीमारियों के भी गंभीर मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। पहले ऑक्सीजन को लेकर भागलपुर पर निर्भरता थी, जो कि अब खत्म हो गई है। अब कोरोना की आरटीपीसीआर जांच भी बांका में ही हो जा रही है। अगर किसी में कोरोना के लक्षण हैं और एंटीजन किट से पुष्टि नहीं हो रही है तो आरटीपीआर जांच के जरिये बीमार व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का पता लगा लिया जाता है।
अन्य सेवाएं भी हुईं सामान्यः कोरोना की जब शुरुआत हुई थी तो संक्रमण से बचाव को लेकर अन्य सेवाएं थोड़ी प्रभावित हुई थीं, लेकिन कोरोना के मामले कम होते ही फिर से इसे चालू कर दिया गया है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि डेढ़-दो सालों के अनुभव से हमलोगों ने काफी कुछ सीखा है। जो अब काम आ रहा है। अब नियमित टीकाकरण समेत अन्य सेवाएं सामान्य हो गई हैं। लोग भी जागरूक हो गए हैं। स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने से स्वास्थ्यकर्मियों को भी काम करने में सहयोग मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *